रायपुर
'छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 सितंबर। आपका मकान केवल ग्राऊंड फ्लोर का है। और मकान को ऊंचाई देना चाहते हैं। तो ढाई सौ रूपए वर्गफीट खर्च कर 5 मंजिला तक ऊंचा बना सकते हैं। मजबूती वैसे ही जैसे कोई बहुमंजिला फ्लैट। इस पूरी प्रक्रिया को बिल्डिंग लिफ्टिंग के नाम से जाना जाता है।
इसके ठेकेदार कुंदन कुमार जो बिहार के रहने वाले हैं ने बताया कि वे लोग न्यूनतम 2 फीट से लेकर अधिकतम 5 मंजिल की ऊंचाई तक ग्राऊंड फ्लोर के मकान को लिफ्ट कर सकते हैं। चौबे कालोनी जैन मंदिर के पास पुरूषोत्तम कुमार के मकान में इन दिनों काम चल रहा है। इस मकान की नींव से सडक़ ऊंची हो गयी थी, इससे नाली का पानी मकान में घुस रहा था। मकान मालिक ने बीरगांव में हुए एक मकान में लिफ्टिगं के बाद इनसे संपर्क किया। कंदन का कहना है कि वे श्री राम बिल्डिंग लिफ्टिंग कंपनी के कामगार हैं।
कंपनी 300 से अधिक मकानों को लिफ्ट कर ऊंचाई दे चुकी हैं। इनका कहना है कि यदि मकान जमीन में धंस रहा हो तो उसे भी ऊंचाई देने का काम करते हैं। ऐसे मकानों को तोडक़र नया बनाने में 60-70 लाख रूपए खर्च आता है। कुंदन का कहना है कि हम इससे भी कम खर्च में यह काम कर देते हैं।
कुंदन ने बताया कि 800-1200 वर्गफीट के मकान को एक फीट ऊंचाई उठाने का खर्च 150 रूपए वर्गफीट, दो मंजिला मकान का 250 रूपए वर्गफीट खर्च आता है। इसमें पहले मकान को नीचे से एक-एक फीट तोड़ते हुए उसमें जैक बिठाया जाता हैं। उसके बाद पिल्लर की ढलाई के साथ उन्हें दीवार से जोडक़र मकान को उसके पुराने स्वरूप में ला देते हंै। ऐसे मकान, आम मकानों की ही तरह सालों साल मजबूत रहते हैं। तीन साल पहले धमतरी जिले के कुरूद ब्लॅाक के गोस्वामी ढ़ाबा के मकान का जो सडक़ चौड़ीकरण में आ रहा था। इसे 3 फिट पिछे लिफ्टिंग किया गया। इसमें 300 जैक की मदद ली जा गई। एैसा ही रायपुर के चौबे कालोनी में 5अगस्त से लिफ्टिंग का काम चल रहा है। इसमें 3 हजार वर्गफीट के मकान में 15 मजदूर जैक लगाने का काम कर रहे हैं। यह काम 20 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। अगले दस दिन में पिल्लर की ढलाई दीवार जोडऩे का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस काम की लागत 15 लाख आएगी।