रायपुर

किडनी ट्रांसप्लांट वाले प्रोफेसर का भी तबादला...!
15-Oct-2022 4:54 PM
किडनी ट्रांसप्लांट वाले प्रोफेसर का भी तबादला...!

कॉलेज शिक्षकों के तबादले को लेकर बवाल, 368 में से 123 महिला प्रोफेसर, एपी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,15 अक्टूबर।
कॉलेजों के प्रोफसर,सहायक प्राध्यापक प्राचार्यों के तबादले को लेकर बवाल मच गया हे। 368 लोगों की सूची में एक तिहाई महिला प्रोफेसर,असिस्टेंट प्रोफेसर व प्राचार्य है। इन तबादलों को लेकर अलग-अलग स्तर पर मंत्री और मुख्यमंत्री तक को शिकायत की जा रही है।

बता दे कि आठ अक्टूबर को उच्च शिक्षा विभाग ने 30 सितंबर के बैकडेट पर असिस्टेंट प्रोफेसर,प्राचार्य,ग्रंथापाल की अधिकारियों की तबादला सूची जारी की थी इनमें प्रोफेसर,एपी और प्राचार्य की संख्या 368 है। सूची को देखकर सहज ही समझा जा सकता है कि इन तबादलों में सरकार की स्थानांतरण नीति को ताक में रख दिया है। इसमें उन लोगों के भी तबादले किए गए हैं। हृदय,किडनी और कैंसर जैसी प्राणघातक बिमारियों से पीडि़त है। इनके तबादलों पर नीति में स्पष्ट जौर पर रोक है। लेकिन ऐसे लोगों का सूरजपूर,कोण्डागांव, दंतेवाड़ा जैसे दूरस्थ इलाकों में भेजा गया है। वह भी एवजीदार की शर्त पर।

इसी तरह से पूरी सूची देखें तो 368 में से एक तिहाई 123 महिलाओं को स्थानांतरित किया गया है। इनमें से कुद तो रिटायर्डमेंट के करीब है। जबकी ऐसे लोगों को तो गृह क्षेत्र में पदस्थ करने कर नियम है। सूत्रों ने बताया कि एक असिस्टेंट प्रोफेसर जिनका हाल में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। उन्हें दंतेवाड़ा पदस्थ किया गया है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी विभाग के सचिव और आयुक्त को नहीं है। इन जिम्मेदारों ने ही उनकी छुट्टी और मेडिकल रिएम्बरर्स किया है। फिर भी तबादला करेन से गुरेज नहीं किया गया है।

अब भला आयुक्त भी क्या करें, वह स्वंय अपने निकटवर्ती परिजन के तबादले से परेशान हैं। उशिवि के इन तबादलों को लेकर बस्तर से अंबिकापुर तक बवाल मचा हुआ है। सभी प्रभावित अपने-अपने संपर्क सूत्रों के जरिए उच्च स्तर पर शिकायत कर रहे है। कुछ लोग ने सीएम भूपेश बघेल से भी शिकायत की है। बताया गया है कि 4 वर्षो में पहली बार तबादलों में गड़बड़ी की गयी है। मंत्री उमेश पटेल की पूर्व में बनाई गई व्यवस्था को बदल दिया गया है।

मंत्री- विधायकों की सिफारिशों के साथ मंत्री स्टाफ और विभाग के अफसरों ने अपने नाम भी शामिल किए हैं। इनके या तो शहरी क्षेत्रों में किए गए है। या यथावत बनाए रखा यगा है। प्रोफेसर ,एपी ,प्राचार्यों के वाटसएप ग्रुप में इन तबादलों को लेकर कई खुलासे किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इन तबादलों में बड़े लेन-देन हुए है। इस पर पहली बार दिल्ली के एक प्रकाशन की अहम भूमिका रही है। उसने ,एक आला अफ्सर के साथ मिलकर तबादले कराए हैं। इसे लेकर ग्रुप में कहा गया है कि सूची शिक्षा मंत्री की नहीं प्रकाशक की है। इसके लिए बड़ा लेन-देन हुआ है। पिछले वर्र्षों तक इस प्रकाशन की एक नहीं चलती रही । यह भी बताया गया है कि  संशोधन करते हुए सूची जारी की गई है। पिछले वर्षो में स्कूल शिक्षा विभाग में मचे बवाल की तरह  इस वर्ष उच्च शिक्षा विभाग के तबादले को लेकर मचता दिख रहा है।  

साइंस कालेज से आई यह शिकायत
साइंस कॉलेज रायपुर के शिक्षकों ने शिकायत की है कि कुछ लोंगों को रिलीव कर दिया गया है जबकि कुछ निकटवर्ती प्रोफेसरों को   प्राचार्य ने रिलीव नहीं किया । जबकि आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि आदेश जारी होने के दिनांक से 15 दिनों के भीतर सभी को रिलीव कर नई जगह में जॉइन किया जाना है।

इससे एक ही पद के विरुद्ध दो प्राध्यापकों होने की दुविधा  होगी। इस संबंध में प्राचार्य डॉ चौबे ने कहा कि ऐसा नहीं है, ट्रांसफर हुए हैं तो सभी रिलीव किए जाएंगे।

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