रायपुर

नए जिलों में खुलेंगे अजाक थाने, मानव तस्करी रोकने बनेगा ब्यूरो
16-Jun-2024 6:18 PM
नए जिलों में खुलेंगे अजाक थाने,  मानव तस्करी रोकने बनेगा ब्यूरो

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जून।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि प्रदेश में किसी भी कीमत पर कानून और व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। यदि ऐसा होता है तो जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच पुलिस की सख्त और संवेदनशील छवि दिखनी चाहिए। जनता का विश्वास पुलिस पर रहे, इसके लिए एक मेकैनिज्म बनाने की आवश्यकता है।

जनता का जितना पुलिस पर विश्वास रहेगा उतना ही अच्छा होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गृह एवं जेल विभाग के कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री गृह  विजय शर्मा, सीएस अमिताभ जैन, डीजीपी  अशोक जुनेजा, एसीएस  गृह मनोज कुमार पिंगुआ सहित  वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

 मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून जो जुलाई में लागू हो रहे हैं इसके लिए समय रहते सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाए। प्रदेश में नशाखोरी, जुआ और सट्टा पर सख्ती से रोक लगाई जाए। अवैध शराब, जुआ, सट्टा से संबंधित शिकायतें नहीं आनी चाहिए, इसके लिए जिले स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाए। जुआ और सट्टा बंद होने चाहिए। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कंपनियों से रिकवरी कर निवेशकों को उनकी राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं। 

श्री साय ने कहा कि पुलिस प्रशासन की धमक हर क्षेत्र में दिखनी चाहिए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नवगठित जिलों में  शीघ्र अजाक पुलिस थाने खोले जाएंगे। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की भर्ती और पदोन्नति की कार्रवाई शीघ्र की जाए।  जवानों के प्रशिक्षण नियमित रूप से आयोजित करने पुलिस को सुदृढ़ और दक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार के स्तर से संसाधनों की कोई कमी नही होगी।

उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि लॉ एन्ड ऑर्डर की स्थिति से निपटने हेतु एसओपी बनाने की आवश्यकता है ताकि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल कार्यवाही की जा सके और इसके लिए पुलिस एवं प्रशासन को प्रशिक्षित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा करेंगे और कार्यो की समीक्षा भी करेंगे। 

साइबर अपराधों में कार्रवाई करते हुए 22.12 करोड़ रूपए की राशि ठगों के पास जाने से बचाई गई। प्रदेश में छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए भी अनेक प्रयास किया जा रहे हैं। गुम बच्चों के मामले में 92 प्रतिशत बच्चों को रेस्क्यू करने में सफलता मिली है। मानव तस्करी के मामलों में लगभग 99 प्रतिशत पीडि़तों का रेस्क्यू किया गया है। गुम बच्चों की तलाश हेतु विशेष अभियान में उन्हें बरामद कर उसके अभिभावकों को सौंपने  ऑपरेशन मुस्कान भी चलाया जा रहा है।

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