खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 19अक्टूबर। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को नया योजना की किस्त जारी की जा चुकी है। उन पैसों को निकालने के लिए पहले दिन ही हजारों की संख्या में किसान बैंक पहुंचे, लेकिन अब से पहले जो लंबी कतारें नजर आती थी वह इस बार गायब थी।
दिन भर किसानों ने पैसा निकाला परंतु बैंक की तरफ से की गई व्यवस्था के चलते कहीं भी किसानों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। बैंक में आने वाले 11 समितियों के 16हजार से अधिक किसानों को बोनस राशि का भुगतान दिवाली से पहले बैंक द्वारा की गई है। इस बार विशेष व्यवस्था बनाई गई है । बैंक प्रांगण में धूप और बारिश से किसानों को बचाने पंडाल लगाया गया है । तो दूसरी ओर नए काउंटर से किसानों के भुगतान के लिए अलग से व्यवस्था तैयार की गई है। इससे किसानों के साथ-साथ सामान्य और रोजाना बैंक पहुंचने वाले खातेदारों को भी राहत मिल रही है । बैंक के बाहर यातायात व्यवस्था को सुधारने से सडक़ जाम से भी इस बार छुटकारा मिल गया है । पुलिस जवानों को यहां यातायात व्यवस्था संभालने तैनात किया गया है । पार्किंग के लिए अलग व्यवस्था बनाकर दीपावली त्यौहार में सडक़ को जाम से दूर रखने की व्यवस्था की गई है। नया योजना के तहत तीसरी किस्त की राशि भुगतान में अमलीपारा समिति में हुए सबसे ज्यादा धान खरीदारी के बाद सबसे ज्यादा राशि का बोनस भुगतान हुआ है। अमलीपारा समिति के कुल 2027 किसानों को एक करोड़ 12 लाख रुपये, गाड़ाडीह में 1541 किसानों को एक करोड़ 1 लाख रुपए, आमदनी में 1326 किसानों को 90 लाख20 हजार रुपए, बैहाटोला में 1231 किसानों को 71 लाख24 हजार रू, बढ़ई टोला में 1603 किसानों को 1 करोड़ 7 लाख 75 हजार रु, टोला गांव समिति में 1475 किसानों को 88 लाख 1हजार रुपए, डोकराभाठा समिति में 12,59 किसानों को 88 लाख 26 हजार, सलोनी समिति में 1777 किसानों को 75 लाख 80 हजार, का मठा-समिति में 1565 किसानों को 99 लाख 12 हजार, जालबांधा समिति में 1765 किसानों को 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार, और मड़ौदा समिति में 13,99 किसानों को 91 लाख 13 हजार का भुगतान किया गया।
सहकारी बैंक पर्यवेक्षक मकसूद साहू ने बताया कि बैंक में किसानों को भुगतान के लिए पहले ही व्यवस्था बनाई गई थी। समितियों के किसानों को पहले दिवस वार भुगतान के आधार पर ही इस बार भी राशि का भुगतान किया जा रहा है। इससे भी व्यवस्था सुधर गई है। किसानों को कोई परेशानी न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है। इस व्यवस्था से किसानों में काफी खुशी का माहौल देखा जा रहा है।