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संगीत विवि को सी ग्रेड मिलने से लोगों में नाराजगी
31-Mar-2024 2:54 PM
संगीत विवि को सी ग्रेड मिलने से लोगों में नाराजगी

 कुलपति के इस्तीफे की मांग जोर पकडऩे लगी 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
खैरागढ़, 31 मार्च।
दस साल पहले  अपने पहले प्रयास में ही ए ग्रेड प्राप्त करने वाले इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में सी ग्रेड मिलने से संगीत नगरी में जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है और कुलपति मोक्षदा चंद्राकर के इस्तीफे की मांग जोर पकडऩे लगी है। 

2014 मे बेहतर शिक्षण व्यवस्था, नवाचार, रिसर्च, अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से संबंध, शोध प्रबंध प्रकाशन सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश में सर्वाधिक अंक लेकर ए रैंक हासिल करने वाले इंदिरा कला संगीत विवि को इस दफे नैक ग्रेडेशन में सी रैंक मिलने से लोगो का आक्रोश संगीत विवि प्रशासन पर फूट पड़ा है।

संगीत विवि की दुर्गति और साख गिराने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग भी जोर पकड़ रही है। दस साल पहले जिस विवि को बेहतर प्रदर्शन के चलते ए रैंक हासिल हुआ था उसके एकदम से नीचे गिरने पर लोगों को अचरज हो रहा है, वहीं उनकी नाराजगी भी जोरो से विवि प्रबंधन पर फूट रही है। संगीत विवि शहर की पहचान है उसकी साख पर नैक ग्रेडिंग के चलते बुरा प्रभाव पडऩे से चिंतित लोग विवि प्रशासन के खिलाफ मुखर हो गए हंै। 

पुराने कार्यकारिणी व कार्यकारी सदस्यो ने सीधे तौर पर इसके लिए विवि प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व जानकारी के बाद भी बेहतर व्यवस्था तैयार नही की गई। काबिल लोगो को दरकिनार कर जी हूजूरी करने वालो को नैक की जिम्मेदारी दी गई जिसके कारण प्रेजेंटेशन सही ढंग से नही हो पाया।

व्यवस्था में अनाप-शनाप खर्च

निरीक्षण के लिए संगीत विवि पहुॅचे टीम के पांच सदस्यो को परिसर मे सर्वसुविधायुक्त वीवीआईपी गेस्ट हाऊस होने के बाद राजधानी के इंटरनेशनल होटल मे रूकवाया गया। आने जाने के लिए सभी सदस्यो को अलग अलग लक्जरी गाडिय़ां उपलब्ध कराई गई, जिसका पूरा खर्च विवि प्रशासन ने उठाया। जबकि 2014 मे पहुंची टीम ने उसी गेस्ट हाऊस मे रूककर सुबह शाम परिसर का अवलोकन किया, स्टुडेंट्स से रूबरू होकर फीड बैक लिया। 

अलग अलग संकायों में जाकर वहां की व्यवस्था परखने का असर गे्रडिंग में दिखा और ए रेंक मिला जबकि इस दफे नैक टीम की आवभगत मे ही लाखो रूपए खर्च कर दिखावा करने विवि प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। शानदार इंटरनेशनल होटल मे रूकवाने, लक्जरी गाडिय़ो मे लाने ले जाने, आवभगत करने में विवि प्रशासन मूल काम से विलग हो गया और आवभगत के बहाने ग्रेडिंग हासिल करने की मंशा पर पानी फिर गया। वही यह भी पता चला है कि प्रभारी कुलसचिव ने भी जानकारी के अभाव में नैक टीम का पूरी तरह जिम्मेदारी से सामना नही किया और सवालो से बचने दूसरे दिन ही बीमारी का बहाना कर घर लौट गई।

दस हजार देकर करा सकते हैं दुबारा अवलोकन
नैक टीम द्वारा सी ग्रेड देने के बाद संगीत विवि प्रशासन के पास अंतिम अवसर के रूप मे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद मे दस हजार रूपए जमा कर दुबारा अवलोकन के लिए अवसर बचा है। इस नियम के तहत नैक टीम छै महीने बाद दुबारा परिसर पहॅुचेगी, गे्रडिंग को लेकर निर्धारित बिंदुओ के आधार पर दुबारा निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखेगी, उसमें संतुष्टि के बाद ही ग्रेडिंग कम ज्यादा हो सकता है लेकिन यह रैंक भी महज दो साल के लिए होगा।

तीन दिनों तक दल ने संगीत विवि की व्यवस्था को बारीकी से परखा और अपनी रवानगी से पहले कुलपति, कुलसचिव सहित सभी कार्यालयीन व शैक्षणिक स्टाफ की बैठक मे सीधे तौर पर कहा कि संगीत विवि तालमेल और आपसी सामंजस्य के अभाव मे अपनी क्षमतानुरूप प्रदर्शन नही कर पा रहा है। उस दौरान ही यह बात स्पष्ट हो गई थी कि विवि प्रशासन के पक्षपात पूर्ण रवैया के चलते नैक की अपेक्षाओं में खरा नहीं उतर पाएगा। ग्रेडिंग को लेकर परिषद 70 अंक आनलाईन प्रेजेंटेशन और 30 अंक भौतिक सत्यापन के लिए तय था इस लिहाज से देखे तो संगीत विवि एस एस आर मामले मे फेल हो गया। समीक्षा बैठक मे सभी एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ते दिखे।

नैक ग्रेडिंग में गिरावट को लेकर जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष व दानदाता परिवार से जुड़े सचिन सिंह बघेल ने कहा कि कांग्रेस राज में अयोग्य को संस्था प्रमुख की जिम्मेदारी देने का नतीजा है कि विवि सम्मान बचाने संघर्षरत है। राजपरिवार के अप्रतिम दानशीलता के प्रतीक संगीत विवि वर्तमान कुलपति के राज में बदहाल हो गया है। अविलंब इन्हें हटाकर काबिल और जिम्मेदार को विवि की कमान सौंपने की आवश्यकता है।

खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलाम्बर वर्मा का कहना है कि ग्रेडिंग को लेकर कर्मियों के संबंध मे विवि प्रशासन से चर्चा बाद इसे सुधारने  भरसक प्रयास किया जाएगा। कारणों के पीछे भागने की अपेक्षा सुधार पर फोकस के लिए कहा जाएगा।

जिला भाजपाध्यक्ष घम्मन साहू ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने चहेते को लाभ देने के लिए प्रोफेसरशिप एवं अकादमी अनुभव के अभाव वाले को उपकृत करने कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी जिसका खामियाजा संगीत विवि को उठाना पड़ रहा है। समय रहते प्रदेश सरकार से इस दिशा मे पहल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा ताकि कला और संगीत को लेकर संगीत विवि की श्रेष्ठता बनी रहे।

संगीत विवि के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य व भूतपूर्व छात्र लाल राजेंद्र सिंह ने ग्रेडिंग में गिरावट को लेकर कुलपति को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी गलत नीतियो के कारण पूर्वजों की दानशीलता और शहर का गौरव गर्त में जा रहा है। अयोग्य के हाथ में संस्था की बागडोर सौंपने से संस्था का क्या होता है, यह इसका उदाहरण है। यूजीसी के निर्धारित नियम अनुसार योग्यता नहीं रखने के बाद भी कुलपति के पद पर बने रहना शोभा नहीं देता, इसलिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल त्यागपत्र देना चाहिए।

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