खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 27 अक्टूबर। दीपावली पर्व पर गौरा-गौरी विसर्जन के दौरान सोटा खाने के रिवाज के साथ श्रद्धालु झूमते नजर आए। बुधवार को गंडई में स्थापित गौरी-गौरा मूर्ति का विसर्जन क्षेत्र के सरोवरों व नदी में किया गया। विसर्जन के दौरान बाजे-गाजे के साथ लोग फटाखे फोडकर व नाचते नजर आए। इस दौरान भक्तों ने अपने हाथों एवं पैरों में भगवान के आशीर्वाद स्वरूप सोटा लेते रहे।
मिली जानकारी के अनुसार गंडई नगर के विभिन्न इलाकों में गौरा-गौरी स्थापित किया जाता रहा। बता दें कि दीपावली त्यौहार के बाद गोवर्धन पूजा और गौरा-गौरी विसर्जन किया जाता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते इस वर्ष ख्भी कई जगहों पर गौरा-गौरी मूर्ति की स्थापना किया गया था। स्थापित गौरा-गौरी की पूजा के बाद लगभग 12 बजे विसर्जन के लिए ले जाया गया। इस दौरान युवतियां गौरा-गौरी की मूर्तियों को सिर पर रखकर विसर्जन के लिए आगे बढ़ती गई। विजर्सन के लिए गौरा-गौरी को नदी व सरोवरों में ले जाने के दौरान मार्ग में श्रद्धालु फटाखे फोड़ते नजर आए। वहीं हाथों और पैरों पर सोटा प्रसाद लेते रहे। बता दें कि हाथों पर सोटा लेने के पीछे की मान्यता है कि पाप धूल जाते हैं और भगवान का आशीर्वाद मिल जाता है। सोटा लेने की परंपरा काफी पुरानी है, जो आज भी चली आ रही है।