राजनांदगांव
शहर अध्यक्ष ने आयुक्त को लिखा पत्र, कहा- जांच कर शासन को भेजे जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 नवंबर। भाजपा शासनकाल के दौरान अमृत मिशन योजना में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ, किन्तु अब तक शहरवासियों को पानी उपलब्ध नहीं हो पाया और आज तक जनता पानी की किल्लत से जूझ रही है। उक्त मामले को लेकर पार्षद एवं शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर जांच की मांग की है व जलकर राशि में छूट देने की बात कही है।
श्री छाबड़ा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व पूर्व महापौर मधुसूदन यादव के कार्यकाल के दौरान अमृत मिशन योजना के दौरान भारी भ्रष्टाचार हुआ है। भाजपा नेता सिर्फ अपनी जेब भरने के चक्कर में अमृत मिशन योजना का बंटरबाट कर दिया।
छाबड़ा ने कहा कि अगर सही मायने में अमृत मिशन योजना संचालित होती तो आज शहरवासियों को भरपूर पानी मिलता, किन्तु आज वर्तमान में स्थिति कुछ अलग है। जिसके कारण शहर में बने उच्च क्षमता वाली पानी टंकियों में पानी का भराव नहीं हो पा रहा और इसका खामियाजा आज पूरा शहर भुगत रहा है। श्री छाबड़ा ने कहा कि आने वाली गर्मी के दिनों में शहरवासियों के सामने पानी को लेकर भयावह स्थिति बन सकती है, क्योंकि जब टंकियों में पानी का भराव नहीं हो पाएगा तो जनता नगर निगम पर ही ठिकरा फोड़ेगी।
श्री छाबड़ा ने कहा कि इस योजना की जमीनी हकीकत देखने जब शहर के लगभग सभी वार्डों में पहंचे तो पता चला कि कई माह तक पाईप लाइन में पानीं नहीं आ रहा, किसी-किसी नल में कभी कम पानी आता है और कभी-कभी तो नल ही नहीं आते। वर्तमान में अमृत मिशन योजना की पाईप लाइन बिछ चुकी है और अमृत मिशन योजना वाले यह बताते रहते है कि अभी ट्रायल चल रहा है। ढाई साल पहले से अमृत मिशन योजना वाले ट्रायल के नाम पर शहरवासियों को धोखा दे रहे हैं। जिससे जनता को परेशानी हो रही है। वास्तव में पूरे शहर के वार्डों में यही स्थिति है। अमृत मिशन योजना में व्यापक भ्रष्टाचार के कारण यह योजना लगभग फेल हो चुकी है और यह पूर्व की भाजपा सरकार के समय का कारनामा है। नगर निगम आयुक्त को लिखे पत्र में कुलबीर ने साफ-साफ कह दिया है कि यदि 15 दिन में शहर में अमृत मिशन योजना के तहत शहरवासियों को पानी उपलब्ध नहीं हो पाएगा तो नगर निगम शहरवासियों से जलकर न ले और अगर इस पर अमल नहीं हुआ तो मैं जनहित में जनता के पक्ष से न्याय के लिए उच्च न्यायालय के शरण में जाउंगा।