बालोद

राष्ट्रीय सम्मान सभा व रैली में छत्तीसगढ़ से सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल
13-Dec-2022 9:14 PM
राष्ट्रीय सम्मान सभा व रैली में छत्तीसगढ़ से सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दल्ली राजहरा, 13 दिसंबर। भारतीय संविधान के शिल्पकार भारतरत्न बोधिसत्व डॉ.बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 66वें परिनिर्वाणदिवस पर परिनिर्वाण भूमि सम्मान समिति दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मान सभा एवं रैली में छत्तीसगढ़ प्रदेश के सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े एवं राष्ट्रीय महासचिव सुनील रामटेके के नेतृत्व में शामिल हुए।

प्रमुख रूप से धर्मेंद्र मेश्राम कोंडागांव, कमलेश रामटेके जगदलपुर, वीरेंद्र बोरकर डोंगरगांव,  प्रतिमा वासनिक, प्रमोद वासनीक राजनांदगांव, अनिल रामटेके कोर्रामटोला (मोहला), सुजाता रामटेके भिलाई, दिलीप सुखदेवे एवं रवि बारसागड़े दल्लीराजहरा,  नलिनी मेश्राम डोंगरगढ़,  राजेश हुमने, मनोज बौद्ध, प्रफुल्ल गेड़ाम बिलासपुर, तामेश्वर तुरकाने दुर्ग, सत्यभामा खरे पुसावड़,  अहिल्या बाई रावटे चिखली की उपस्थिति प्रभावशाली रही।

इस अवसर पर डॉ. आंबेडकर परिनिर्वाण भूमि सम्मान समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने राष्ट्रीय सम्मान सभा एवं रैली को संबोधित करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष  इन्र्देश गजभिए के कुशल एवं सक्षम नेतृत्व में  पिछले 22 वर्षों में किए गए आंदोलनों के बारे में विस्तार से बताया साथ ही दिल्ली विधानसभा के सामने 26 अलीपुर रोड दिल्ली में स्थित भारतीय संविधान के निर्माता भारतरत्न बोधिसत्व डॉ.अंबेडकर की परिनिर्वाण भूमि को राजघाट जैसा दर्जा एवं बड़ा भूमि परिसर देने की मांग की।

समिति के राष्ट्रीय महासचिव सुनील रामटेके ने परिनिर्वाण भूमि को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने, अनुसूचित क्षेत्रों में पृथक निर्वाचन प्रणाली लागू करने एवं नई दिल्ली में बनने वाले नए संसद भवन का नाम संविधान पिता डॉ. अंबेडकर के नाम पर करने की मांग की।

दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मान सभा एवं रैली की सफलता में छत्तीसगढ़ प्रदेश के महादेव कावरे,  दिलीप वासनीकर, केएनकांडे , केआर उके, संजय गजघाटे, विमलेश उके, संतोष वाहने, मनोज बागड़े, उमेश रावत, चेतना तम्हाने, उषा उके, सपना गजघाटे, सुशीला भीमटे, रीता मेश्राम की प्रमुख भूमिका रही।

कार्यक्रम के पश्चात डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण भूमि सम्मान समिति नई दिल्ली की पांच प्रमुख  मांगों को लेकर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।  परिनिर्वाणभूमि स्मारक के निकट स्थित 8 बंगलों का अधिग्रहण कर स्मारक के लिए आबंटित किया जाए।

परिनिर्वाणभूमि को गांधीजी की समाधी राजघाट जैसा कानूनी दर्जा दिया जाए। परिनिर्वाणभूमि स्मारक को विश्व धरोहर घोषित कर विश्व पर्यटन सूची में शामिल किया जाए। नये संसद भवन का नामकरण भारतीय संविधान के शिल्पकार भारतरत्न डॉ.भीमराव अम्बेडकर के नाम पर किया जाए। अनुसूचित क्षेत्रों में पृथक निर्वाचन प्रणाली लागू किया जाए।

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