मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

दिव्यांग बीमार महिला 6 साल से बैटरी चलित ट्रायसिकल के लिए चक्कर काट रही
16-Dec-2022 4:32 PM
दिव्यांग बीमार महिला 6 साल से बैटरी चलित ट्रायसिकल के लिए चक्कर काट रही

रंजीत सिंह

मनेन्द्रगढ़, 16 दिसम्बर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। दिव्यांग और फेफड़े की गंभीर बीमारी से ग्रसित  महिला 6 सालों से बैटरी चलित ट्रायसिकल के लिए चक्कर काट रही है। वह एमसीबी कलेक्टर के जनदर्शन में भी ट्रायसिकल के लिए आवेदन लेकर पहुंची थी, लेकिन यहां भी उसे निराशा हाथ लगी है।

लकड़ी का सहारा लेकर चल रही मनेंद्रगढ़ में वार्ड क्र. 14 निवासी कोलकी मोहल्ला खेडिय़ा टॉकीज के समीप रहने वाली 34 वर्षीया दिव्यांग महिला मीना यादव  पिछले 6 सालों से बैटरी वाली ट्रायसिकल के लिए अफसरों के पास चक्कर काट रही है। उसे ट्रायसिकल इसलिए प्राप्त नहीं हो पा रही है, क्योंकि उसके पास 70 फीसदी का ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्राप्त है। अफसरों का कहना है कि बैटरी वाली ट्रायसिकल के लिए 80 फीसदी दिव्यांग होना जरूरी है।

एमसीबी कलेक्टर के जनदर्शन में दिव्यांग महिला ने आवेदन सौंपकर ट्रायसिकल और जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए छोटे-मोटे कारोबार हेतु सहायता राशि प्रदाय किए जाने की मांग की। उसने कहा कि वह बचपन से दिव्यांग है। लकड़ी के सहारे किसी प्रकार चलती है। फेफड़े की गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर वह हमेशा बीमार रहती है। उसके पिता मजदूरी करते हैं वहीं माँ दूसरों के घरों में चौका-बर्तन कर रही है, जिससे किसी प्रकार उसका इलाज और घर चल रहा है। उसने कलेक्टर से मांग की यदि उसे बैटरी वाली ट्रायसिकिल एवं दुकान के लिए सहायता मिल जाए तो वह कपड़े या मनिहारी आदि का काम कर अपना एवं माता-पिता की सहायता कर सकती है।

बैटरी चलित ट्रायसिकल के लिए 80 फीसदी से अधिक दिव्यांगता जरूरी
कलेक्टोरेट में उपस्थित दिव्यांग महिला मीना ने बताया कि समय-समय पर आयोजित होने वाले दिव्यांग शिविर में उपस्थित होकर उसके द्वारा बैटरी वाली ट्रायसिकल की मांग किए जाने पर शिविर में उपस्थित अफसर उसके पास मौजूद दिव्यांगता प्रमाण पत्र को देखकर यह कहकर उसे लौटा देते हैं कि उसकी दिव्यांगता मात्र 70 फीसदी है। 80 फीसदी से अधिक दिव्यांग होने पर ही ट्रायसिकिल उपलब्ध कराई जाएगी।

कलेक्टर जनदर्शन में महिला को निराशा हाथ लगी
कलेक्टर जनदर्शन में भी दिव्यांग महिला को निराशा हाथ लगी। उपस्थित अधिकारियों ने उसे जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में प्रमाण पत्र में संशोधन की सलाह देकर उसे लौटा दिया। एमसीबी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश तिवारी ने महिला से कहा कि वह जिस दिन बैकुंठपुर जाएंगी वे यहां से संबंधित डॉक्टर को फोन कर देंगे जिससे उसका काम सहजता से हो जाएगा, जबकि सीएमएचओ डॉ. तिवारी चाहते तो फोन करके ही प्रमाण पत्र में संशोधन करवा सकते थे जिससे उसे सहजता से ही एमसीबी जिले में बैटरी वाली ट्रायसिकिल मिल जाती।
 

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