बालोद

अविश्वास प्रस्ताव का मतदान कराने में देरी साजिश तो नहीं...
22-Dec-2022 3:43 PM
अविश्वास प्रस्ताव का मतदान कराने में देरी साजिश तो नहीं...

पार्षदों ने दी चेतावनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 22 दिसंबर।
अविश्वास प्रस्ताव के मतदान कराने में देरी को लेकर आज जिले के गुरुर नगर पंचायत के पार्षदों ने कलेक्टर से मुलाकात करते हुए 3 दिनों के भीतर मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा, स्टे हटे 15 दिन से भी अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन मतदान कराने को लेकर अब तक किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसको लेकर पार्षद काफी परेशान है।
गुरुर नगर पंचायत के पार्षदों ने अपने अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिस पर अध्यक्ष ने स्टे ऑर्डर लाया जिसके बाद अब वह स्टे ऑर्डर खारिज हो चुका है, और जल्द मतदान कराने की मांग की जा रही है। नपं के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी पार्षद खिलानन्द साहू सोनू लोहिले मुकेश साहू सहित अन्य ने कलेक्टर से मांग की है।

3 दिन का अल्टीमेटम
कांग्रेस पार्टी के पार्षद खिलावन साहू ने कहा,  यहां पर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना हो रही है। हम लगातार कलेक्टर से मांग करें कि जल्द ही मतदान की तिथि लाए और मतदान प्रक्रिया संपन्न कराएं बावजूद इसके किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने संयुक्त रूप से कहा कि यदि तीन दिवस के भीतर मतदान की तिथि निर्धारित नहीं की जाती है तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर जिला कार्यालय के सामने बैठ जाएंगे।

हाई कोर्ट की कॉपी दी
नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने बताया कि उन्होंने आज कलेक्टर को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी दिए हैं ताकि उसके आधार पर जल्द से जल्द मतदान प्रक्रिया एडिट कराया परंतु उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो हम धरने पर बैठने के लिए बाध्य हो जाएंगे, क्योंकि हमने इतना मेहनत किया है और कितना दबाव है हमारे ऊपर यह हम जानते हैं।

ना भाजपा ना कांग्रेस
गुरुर नगर पंचायत में स्टे लाया गया मामला कोई राजनीति नहीं अपितु अधिकारों की लड़ाई है, यहां पर भाजपा एवं कांग्रेस दोनो के अप्रशाद अपने हक और अधिकार के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए और निरंतर अकेले चलते रहे कांग्रेस एवं भाजपा के पार्षद अध्यक्ष के विषय को लेकर संगठन पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा दबे जुबान टिकेश्वरी साहू को भाजपा प्रवेश करने की बात कहती है तो कांग्रेस में सारा दारोमदार अध्यक्ष ने खुद को बचाने के लिए डाल दिया है।

क्या कोई साजिश
अविश्वास प्रस्ताव की तिथि निर्धारण ना होने को लेकर पार्षदों ने इसे साजिश का एक हिस्सा भी बताए उन्होंने कहा कि यह कोई साजिश भी हो सकती है अध्यक्ष को बचाने के लिए दोनों राजनीतिक दलों के माध्यम से या फिर कुछ भी हो सकता है परंतु हमें तो अपने मेहनत पर विश्वास है और जो प्रयास किया है उसे सफल करने के लिए हम यहां पर आए हुए हैं।
 

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