राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 दिसंबर। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले में प्राथमिकता देते कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत जिले में बच्चों में कुपोषण, किशोरी बालिकाओं एवं माताओं में एनीमिया में कमी लाने तथा शिशु मृत्युदर एवं बाल मृत्यु की दर में कमी लाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह रहा है कि जिले का कुपोषण दर जहां वर्ष 2028-19 में 26.7 प्रतिशत था, वह घटकर अब 13.39 प्रतिशत हो गया है।
कलेक्टर डोमन सिंह ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण वाटिका का निर्माण कराने कहा है, ताकि स्थानीय स्तर पर साग-सब्जी, फल बच्चों को पौष्टिक आहार में मिल सके। उन्होंने कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रखकर स्वास्थ्य एवं पोषण की मानिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुपोषण की दिशा में कार्य करते हुए जनसामान्य को सुपोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग गुरप्रीत कौर ने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत विभागीय एवं डीएमएफ मद से 06 माह से 05 वर्ष के कुपोषित बच्चों, एनीमिक गर्भवती माता, 15 से 49 वर्ष की एनीमिक किशोरी बालिका एवं एनीमिक महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से गरम भोजन दिया जा रहा है। 6 माह से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों को अण्डा, फल, अंकुरित अनाज प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में जिले में विभागीय एवं डीएमएफ मद से 2 हजार 73 गंभीर कुपोषित बच्चे एवं 12 हजार 103 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।