बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 30 दिसंबर। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डौंडी ब्लाक की गरीब परिवार की बेटी कविता उर्वषा का चयन एमबीबीएस में हुआ है। छात्रा के इस चयन पर ग्राम व अंचल में खुशी की लहर दौड़ गई, और उनके घर में बधाई देने वालों का ताँता लग गया।
कुसुमकसा क्षेत्र के जनपद सदस्य संजय बैस को इस बात की जानकारी मिलते ही उन्होंने छात्रा से मिलकर बधाई दी। साथ ही साथ कुसुमकसा में हलबा हल्बी समाज द्वारा आयोजित शक्ति दिवस कार्यक्रम पर कविता उर्वषा का सम्मान साल एवं श्री फल से किया गया।
छोटे से कसबे ग्राम अर्मुरकसा में निवास रत इस बेटी के पिता पेशे से राज मिस्त्री व किसानी करते हैं। कविता उर्वषा ने बताया कि मैंने प्राथमिक शिक्षा पहली से पांचवी तक अपने गाँव अर्मुरकसा में की। इसके बाद 6वीं से 10वीं तक की पढ़ाई समीपस्थ ग्राम पथरा टोला में की।
कक्षा दसवी पढ़ते पढ़ते ही इन्होंने प्रयास परीक्षा को बालोद से उत्तीर्ण किया। इनका चयन प्रयास आवासीय विद्यालय रायपुर के लिए चयन हुआ। यहाँ इन्होंने कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसी दौरान यहाँ के शिक्षकों ने नीट परीक्षा की तैयारी के संबंध में बताया।
कविता ने बताया कि 12वीं के बाद नीट परीक्षा पास करने के लिए भिलाई के एक निजी संस्था से कोचिंग की। कोचिंग के दौरान कोरोना महामारी के चलते लाक डाउन लग गया और कोचिंग से वंचित होना पड़ गया। इसके बाद घर पर ही 8 से 10 घंटे पढऩा शुरू कर दिया। कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई और नीट की परीक्षा उतीर्ण की, जिससे मेरा चयन राजनांदगांव के भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी मेमोरियल मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के लिए हुआ।
कविता को बचपन से ही पढऩे की रूचि थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। इसी के चलते इन्होंने चिकित्सा क्षेत्र को चुना। एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् स्वास्थ सेवा अपने क्षेत्र में देना चाहती है। इनकी इस उपलब्धि पर ग्राम व समाज एवं आसपास के लोगों ने हर्ष जाहिर कर बधाई दी है।