सक्ति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 31 दिसंबर। सक्ती जिला मुख्यालय कार्यालय को लेकर एक बार पुन: आंदोलन की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों ग्राम पंचायत खुटादहरा के भूरसि डीह में जिला मुख्यालय कार्यालय बनाने जिला प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया गया था। इससे सक्ती अंचल में जिला मुख्यालय कार्यालय सक्ती में नहीं बनने संबंधित चर्चा जोर पकडऩे लगी। इस घटनाक्रम से जहां आम नागरिकों में विरोध के स्वर देखे गए वहीं अब इस पर आंदोलन की सुगबुगाहट भी देखने को मिल रही है।
गुरुवार 29 दिसंबर को पूर्व मंत्री नोबेल वर्मा ने अपने निवास स्थान पर सक्ती के पत्रकारों के साथ औपचारिक चर्चा करते हुए यह कहा कि सक्ती जिला मुख्यालय कार्यालय सक्ती से बहुत दूर बनाया जा रहा है इसे सक्ती के आसपास बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मांग को लेकर सर्वदलीय मंच बनाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर अपने हक की लड़ाई के लिए सब को आगे आना चाहिए।
नोबेल वर्मा ने इस दौरान अन्य मुद्दे जिसमें हसदेव बांगो बाई तट नहर में पानी नहीं छोड़े जाने को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जिला जांजगीर-चांपा में नहर से पानी दिया जा रहा है एवं सक्ती में डलवा फसल के लिए पानी नहर के माध्यम से नहीं दी जा रही है इसे शीघ्र दिया जाए, वहीं उन्होंने चिटफंड कंपनी से नागरिकों के पैसे वापस करने शासन को अपनी जिम्मेदारी निभाने की बातें कहीं।
नावेल वर्मा ने अपने निवास स्थान में पत्रकारों के साथ चर्चा करते हुए सभी दल संगठनों के सहयोग से जिला मुख्यालय कार्यालय को लेकर आंदोलन करने की बातें कही है इसमें कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने बैठक रखी की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तैयार करते हुए एक बड़े आंदोलन सक्ती अंचल में देखने को मिल सकता है
नोबेल वर्मा ने सक्ती जिलेवासियों को सभी तरह की सुविधा प्राप्त हो इसे लेकर सकरेली फाटक एवं टेमर फाटक में ओवरब्रिज तथा सिंघनसरा रेलवे फाटक में अंडर ब्रिज बनाने की मांग और इसे जल्द पूर्व करने की बातें वहीं उन्होंने कहा, टेमर एवं सकरेली फाटक बंद होने के कारण लंबे समय तक आवागमन अवरुद्ध रहता है, वहीं अव्यवस्था की स्थिति रहती है। इसी तरह सिंघनसरा फाटक में भी रेलवे फाटक बंद रहने के कारण नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।