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सक्ती जिले में 65 बच्चे हुए कुपोषण से बाहर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 26 अप्रैल। कुपोषण मुक्त सक्ती जिला बनाने के लिए जिले में की गई अभिनव पहल स्नेहित के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। विगत 3 माह से संचालित इस कार्यक्रम के तहत शासकीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा चिन्हांकित किये गए कुपोषित बच्चों का जिम्मा लेकर उनको सुपोषित किया जा रहा है। वर्तमान तक लगभग 100 अधिकारियों द्वारा इस तरह से लगभग 200 बच्चों को गोद लिया गया। जिसमें से 65 बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने में सफलता मिली है।
कुपोषण की इस व्यापक समस्या से लडऩे के लिए क्रमबद्ध कार्ययोजना बनाई गई है। प्रथम चरण के सकारात्मक परिणाम आने से प्रशासन ने इसका दायरा बढाते हुए जिले के लगभग 1000 अधिकारी, कर्मचारियों को स्नेहित कार्यक्रम से जोड़ा है। जिसके द्वारा लगभग 2000 कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस कार्यक्रम के बेहतर प्रबंधन एवं निगरानी के लिए स्नेहित एप्प का लांच सक्ती कलेक्टर नुपुर राशी पन्ना द्वारा किया गया। एंड्राइड बेस्ड इस एप्प के माध्यम से कुपोषित बच्चों के विकास की सटीक जानकारी प्रशासन को प्राप्त होगी। जियो टैगिंग की मदद से किसी क्षेत्र विशेष में समस्या की गंभीरता का आंकलन किया जा सकेगा।
इस अवसर पर कलेक्टर ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्नेहित कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालना है, बल्कि शासकीय तंत्र एवं आम जनता के बीच की दुरी को कम करना है। जब शासकीय अधिकारी बच्चों के घर स्वयं जाता है तो परिवार वालों के साथ सीधा संवाद स्थापित होता है और उनमें शासन प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ता है।
कलेक्टर ने गणमान्य नागरिक, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों से इस अभियान से जुड़ कर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है। इस अवसर में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरज सिंह राठौर, कार्यक्रम नोडल अधिकारी तहसीलदार नजूल, डी पी एम, सक्ती बीएमओ उपस्थित रहे।