बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 6 जनवरी। बालोद जिला के दल्लीराजहरा में महामाया माईन्स क्षेत्र के पास बसे ग्राम कुमुरकट्टा, नलकसा और कोटागांव के लाल पानी से प्रभावित ग्रामीणों को अब स्थाई काम देने की मांग को लेकर हड़ताल में बैठ गए है।
पहले ये ग्रामीण जन मुक्ति मोर्चा के बैनर तले अपनी मांगों ंको लेकर महामाया माईन्स के पास 15 दिसम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल में बैठे थे। कोई हल नहीं निकलते देख अब ये ग्रामीण दल्लीराजहरा में मुख्य माईन्स गेट के सामने धरने पर बैठ गए है, 42 ऐसे परिवार हैं जिनका खेत लाल पानी से बुरी तरह प्रभावित है।
बालोद जिले स्थित महामाया माईन्स के आसपास के ग्रामीण इलाकों में लाल पानी की समस्या काफी पुरानी है। समस्या के समाधान को लेकर न बीएसपी न ही शासन प्रशासन ने आजतक कोई कारगर कदम उठाया, जिसके चलते उस क्षेत्र के कृषि भूमि भी आज बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है।
लोगों के हाथों से उनके जीविकोपार्जन का एक मात्र साधन भी खो रहा है। अब जीविकोपार्जन कैसे करे इन समस्याओं को लेकर फिर एक बार क्षेत्र के ग्रामीण अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे है। पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा जून 2020 तक प्रभावित ग्रामीणों को स्थाई काम देने आश्वासन दिया गया था, लेकिन बीएसपी प्रबंधन द्वारा लाल पानी प्रभावित किसान को स्थाई काम नहीं दिया गया।
ज्ञात हो कि ये ग्रामीण पिछले कई वर्षों से अपनी मांग प्रबंधन और शासन के सामने रख रहे है, लेकिन उन्हें कोई ठोस हल नहीं मिला। इनकी माने तो इनका गांव कुमुरकट्टा, नलकसा और कोटागांव महामाया माईन्स पहाड़ी के आसपास बसा हुआ है, जहां इस माइन्स पहाड़ी से बह कर आने वाले फाइन्स युक्त लाल पानी से इनके क्षेत्र में कई एकड़ खेत बर्बाद हो गया है।
लगातार लम्बे समय से खेतो में फाइन्स युक्त लाल पानी आने से खेतो में फाईन्स युक्त मिट्टी जम गया है। फसल सही ढंग़ से नहीं हो पा रहा है, जिससे ये ग्रामीण परेशान है। बताया गया कि 42 ऐसे परिवार है जिनका खेत पहाड़ी से बह कर आने वाले फाईन्स युक्त लाल पानी से बर्बाद हो गया है।