बालोद

गुरुर नपं में अविश्वास जीता, विश्वास हारा
09-Jan-2023 2:34 PM
गुरुर नपं में अविश्वास जीता, विश्वास हारा

 पराजित अध्यक्ष का तीखा हमला 
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 9 जनवरी।
बालोद जिले के गुरुर नगर पंचायत अंतर्गत आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया। लगभग 2 घंटे तक कड़ी सुरक्षा के बीच यहां पर सम्मेलन संपन्न हुआ और अंतरिम परिणाम के रूप में नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के अविश्वास मत के पक्ष में 10 वोट मिले और अविश्वास मत के खिलाफ 5 वोट। इस तरह 10 और 5 का वोट प्रतिशत रहा और नगर पंचायत अध्यक्ष विश्वास मत पाने में असफल रहे। अविश्वास प्रस्ताव के बाद टिकेश्वरी साहू ने पूर्व विधायक एवं विधायक संगीता सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए।

अविश्वास के बाद अध्यक्ष का तीखा हमला
अविश्वास प्रस्ताव के मतदान को लेकर अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने तीखी बयान बाजी की। उन्होंने कहा कि जो मेरे ऊपर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव है, वह राजनैतिक षड्यंत्र है, और यह षड्यंत्र संचारी बालोद के पूर्व एवं वर्तमान विधायक द्वारा लगाया गया है। मेरी लड़ाई विकास कार्यों को लेकर थी मेरे ऊपर लगातार दबाव बनाया गया, मुझे प्रताडि़त किया गया।  

उन्होंने विधायक संगीता सिन्हा को लेकर बड़ी बात कही कि एक महिला होकर दूसरे महिला को प्रताडि़त करना यह सही बात नहीं है। जब से मैं नगर पंचायत के अध्यक्ष बनी हूं तब से मुझे परेशान और प्रताडि़त किया गया है। ज्ञात हो कि अध्यक्ष को लगभग 1 महीने पूर्व कांग्रेस से निष्कासित किया जा चुका है। 

नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने कहा कि अध्यक्ष को केवल पैसों से प्रेम था इसलिए उनके द्वारा नगर पंचायत में भ्रष्टाचार किया जा रहा था, जिसके खिलाफ हम सब ने आवाज उठाया और इसके परिणाम स्वरूप आज अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है।  नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद मुकेश साहू ने कहा कि 3 साल से जो नगर पंचायत में भ्रष्टाचार चल रहा था और यहां पर जो शासन के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा था, इन सब के विषय को लेकर हमने अविश्वास प्रस्ताव लाया था और आज सत्य की जीत हुई है।

ज्ञात हो कि नगर पंचायत गुरुर में पहले 8 पार्षद भाजपा के थे और 7 पार्षद कांग्रेस के लेकिन अध्यक्ष बनाने के समय भाजपा पीछे रही और कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बना लिया जिसके बाद लगातार खींचतान चलती रही, पर वर्ष 2022 में अविश्वास प्रस्ताव की आग लगी और 10 भाजपा के अध्यक्ष पार्षद साथ रहे।

इस दौरान कांग्रेस के पार्षदों को पीआईसी से अध्यक्ष ने हटाकर भाजपा के पार्षदों को बना दिया जिसको लेकर भी बवाल हुआ। अंतत: कांग्रेस ने अपना दाव खेलते हुए तत्कालीन अध्यक्ष को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाया और अविश्वास मत भी 10 और 5 के प्रतिशत से पारित हुआ।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news