राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 फरवरी। प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि वित्त विभाग ने कर्मचारी हित में ओपीएस लागू करने का आदेश जारी किया है। आम कर्मचारियों के मन में उत्पन्न किए जा रहे शंकाओं का समाधान करना चाहिए। कोष लेखा एवं पेंशन विभाग आहरण संवितरण अधिकारियों के साथ कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इसका आयोजन कर्मचारियों के साथ होना ज्यादा आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, बृजभान सिन्हा, पीआर झाड़े, सीएल चंद्रवंशी, आदर्श वासनिक, राजेन्द्र देवांगन, योगेश साहू, रंजीत कुंजाम, सोहन निषाद, जितेंद्र बघेल, उत्तम डड़सेना, देवचंद बंजारे, वीरेंद्र रंगारी, अब्दुल कलीम खान, जनक तिवारी, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पीएल साहू, पुष्पेंद्र साहू ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को स्वीकार करने अथवा नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) में बने रहने के मुद्दे पर विचार व्यक्त किया है।
उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के अनुसार राज्य शासन के पेंशन योग्य सेवा में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि और सेवानिवृत्ति तिथि के बीच के कालावधि को पेंशन और ग्रेच्युटी के संगणना के लिए अहर्तादायी सेवा माना गया है। सेवापुस्तिका में कर्मचारी-अधिकारी का प्रथम नियुक्ति आदेश एवं कार्यभार ग्रहण तिथि दर्ज है। सेवानिवृत्ति तिथि, जन्मतिथि के आधार पर निर्धारित किया जाता है। कर्मचारी-अधिकारी के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लाभदायक है, इसीलिए देशभर के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की मांग राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों के वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार करते एक नवंबर 2004 एवं पश्चात नियुक्त हुए शासकीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस ) को लागू किया है। केंद्र सरकार ने ओपीएस को 01 अप्रैल 2004 से बंद कर दिया था। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को अपना नियम बनाना चाहिए। कर्मचारियों के मासिक वेतन से कटौती किया जा रहा 12 प्रतिशत राशि सीजीपीएफ में 1 अप्रैल 22 से जमा हो रहा है। कर्मचारी के सेवाकाल के आधार पर ओपीएस में पूर्ण अथवा अनुपातिक पेंशन की निश्चितता है, लेकिन एनपीएस बाजार आधारित होने के कारण पेंशन की निश्चितता नहीं है।
उन्होंने जानकारी दी कि 33 वर्ष सेवाकाल पर मूलवेतन और महंगाई भत्ता के योग का 50 प्रतिशत पेंशन एवं 16.5 गुणा अधिकतम 20 लाख रुपए ग्रेच्यूटी की पात्रता है।
न्यूनतम 10 वर्ष सेवा से अधिक एवं 33 वर्ष सेवाकाल से कम पर अनुपातिक पेंशन मिलता है। ग्रेच्युटी की पात्रता 5 वर्ष सेवाकाल पूर्ण करने पर अनुपातिक मिलता है।
उन्होंने बताया कि एनपीएस में 31 मार्च 22 तक कर्मचारी अंशदान एवं शासकीय अंशदान का कुल राशि अर्जित लाभांश सहित राशि को नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी के बैंक खाते में जो राशि जमा होगा। उक्त राशि में से शासकीय अंशदान एवं अर्जित लाभांश को पुरानी पेंशन योजना स्वीकार करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर एनएसडीएल से एनपीएस में जमा राशि प्राप्त होने पर राज्य शासन के कोष में जमा करने की नोटरी द्वारा प्रमाणित सहमति पत्र (प्रपत्र-2 हेतु) लिया जा रहा है। इसके पश्चात ही राज्य शासन सेवानिवृत्ति के पश्चात कर्मचारियों को ओपीएस के तहत ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण, सीजीपीएफ में जमा राशि ब्याज सहित तथा पेंशन भुगतान का पीपीओ जारी करेगा। उनका कहना है कि इस सहमति पत्र में राज्य शासन की ओर से वित्त विभाग के सक्षम अधिकारी का भी प्रतिहस्ताक्षर रहने से सहमति अथवा समझौता द्विपक्षीय हो जाता जो कि न्यायसंगत और कानूनी है। उनका कहना है कि ’कर्मचारियों से सीधे चर्चा’ शंकाओं के समाधान के लिए कार्यशाला आयोजित करना अतिआवश्यक है।