बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 6 अप्रैल। बालोद जिले के ग्राम कमरौद के ग्रामीण तांदुला नदी में हो रहे रेत की अवैध चोरी से परेशान होकर चोरों के नाम लिखकर प्रशासन को सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ रेती के संरक्षण जल संरक्षण को लेकर हम सभी ग्रामीण निरंतर प्रयास करते हैं, तो दूसरी ओर चोर यहां से रेत की बेतहाशा चोरी कर रहे हैं। ग्रामीण रेत की चोरी की शिकायत लेकर पैदल ही जिला मुख्यालय का भ्रमण किया और कलेक्टोरेट पहुंच गए और कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
14 ट्रेक्टर के मालिक कर रहे चोरी
सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे 14 ट्रैक्टर के मालिक हैं जो कि नदी से रेत का दोहन कर रहे हैं। सुबह-सुबह यह चोरी की घटना को अंजाम देते हैं, और ग्रामीण जब मना करते हैं तो वह भी विवाद की स्थिति निर्मित करते हैं। उन्होंने बताया कि रेत चोरी के कारण नदी का जल प्रवाह भी अस्त व्यस्त हो गया है, जिसके कारण नदी में जल भी नहीं रुकता जब नदी में पानी रहता है, तो हमारे और आसपास के ग्रामीणों को पेयजल संकट नहीं होता क्योंकि भूमिगत जल की स्थिति यथावत बनी रहती है।
ग्रामीणों ने किया है प्रतिबंधित
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर सभी ग्राम वासियों ने मिलकर फैसला लिया है कि रेत का चोरी नहीं किया जाएगा, लेकिन इन ट्रैक्टर मालिकों द्वारा ग्रामीणों के इस निर्णय को ठेंगा दिखाते हुए दिनभर रेत की स्थिति बेतहाशा खुदाई की जाती है। अब हम लोग के हाथ से उनका निर्णय निकल चुका है, तो हम प्रशासन के पास उचित कार्रवाई की मांग लेकर आए हुए हैं अब देखते हैं प्रशासन पूरे मसले पर कौन सा रवैया अपनाता है।
तांदुला का हो रहा दोहन
बालोद जिले के तांदुला नदी में बेतहाशा रेत का उत्खनन काफी लंबे समय से हो रहा है। आसपास की बात करें तो ग्राम पडक़ीभाट और बघमरा ओरमा, नेवारीकला ऐसे कई गांव है, जहां पर ट्रैक्टर वाले रेत की चोरी करते हैं, वहीं पकड़े जाने पर गांव में ही खपाने की बात कहते हैं, परंतु इसके आड़ में वे दूसरे जगहों पर रेत की सप्लाई करते हैं।