राजनांदगांव
![केसीसी फर्जीवाड़ा से मेरा कोई वास्ता नहीं-नवाज केसीसी फर्जीवाड़ा से मेरा कोई वास्ता नहीं-नवाज](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1681378198jn__3_Nawaj_Khan.png)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 अप्रैल। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष नवाज खान ने बताया कि मेढा समिति के पूर्व प्रबंधक कुलदीप विश्वकर्मा द्वारा किसानों के नाम से केसीसी में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए की राशि डकार ली गई थी, जिस पर बीते दिवस ग्राम खल्लारी के कृषक आनंदराम पिता भागीरथी कवंर की मृत्यु हुई है। इसके अलावा ग्राम खल्लारी के 37 अन्य कृषकों का भी पैसा बकाया है।
कृषकों द्वारा पूर्व में एकजुट होकर मेरे समक्ष पहुंचे थे। जानकारी लगते ही मैंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी थी, तब किसानों को लेकर मेढा सोसाइटी के अध्यक्ष दशरथ ठाकुर सहित अन्य प्रतिनिधियों ने 1 नवंबर 2022 को तत्कालीन थाना प्रभारी के समक्ष जाकर रिपोर्ट दर्ज करने आवेदन दिया था। जिसमें लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा कर सूचीबद्ध तरीके से प्रतिलिपि दी गई थी कुछ दलालों के माध्यम से 5 नवंबर को तत्कालीन प्रबंधक कुलदीप विश्वकर्मा ने थाना में समझौता विलेख तैयार किया था। जिसमें उसने 15 दिसंबर 2022 तक सभी किसानों का पैसा वापस करने का वचन दिया था। धनडोंगरी के किसान नेमू नारंग व प्रीतम सिंह इसमें गवाह भी थे।
थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद इस प्रकार का आपसी समझौता कराया जाना कहां तक उचित था, यह तो किसान और उनके दलाल ही जाने, किंतु जब 15 दिसंबर तक कृषकों को राशि नहीं मिली तो हमने 16 दिसंबर को किसानों को साथ में लेकर कांग्रेस के जनप्रतिनिधि जिसमें जिला पंचायत सदस्य प्रभा साहू, जनपद पंचायत के अध्यक्ष भावेश सिंह, सोसायटी के अध्यक्ष दशरथ ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा पुन: रिपोर्ट लिखाई गई थी। इस सूची में खल्लारी के किसानों ने यह कहकर रिपोर्ट करने से इंकार कर दिया था कि एक दलाल के माध्यम से उनका समझौता हो गया है और उन्हें कुलदीप विश्वकर्मा जल्द ही रकम वापस कर देगा। ब्याज देने का वादा भी किया गया था। हमने बार-बार खल्लारी के किसानों से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण कायम कराने का प्रयास किया था, किंतु कोई दलाल जो पुलिस को भी प्रिय था, के दबाव के चलते खल्लारी के किसानों ने रिपोर्ट लिखाने से मना कर दिया और कुलदीप से 31 मार्च 2023 तक राशि लौटाने का समझौता कर लिया।
खल्लारी के अलावा जिन गांव के किसानों ने हमसे मिलकर प्रयास किया था हमने उन किसानों मे से अधिकांश का पैसा वापस भी दिलाया है। इस प्रकरण में मेरा दूर-दूर तक लेना देना नहीं है। मैंने ही प्रयास करके उसे सोसाइटी के प्रबंधक पद से हटाया था। जिससे वह आगे गड़बड़ी नहीं कर पाया।
इसके अलावा मेढा में सभी किसानों की बैठक लेकर किसानों की सूची तैयार कर पुलिस प्रशासन को कार्रवाई के लिए दी गई थी, किंतु भाजपाई दलालों की संलिप्तता के चलते थाना प्रभारी ने कार्रवाई नहीं की और यह स्थिति बनी कुलदीप विश्वकर्मा को प्रश्रय देने का कार्य भाजपाई करते रहे हैं, उससे हमें कोई लेना देना नहीं है। निष्पक्ष जांच करने पर सभी मामले सामने आ जाएंगे। खल्लारी को छोडक़र अन्य गांव के किसान जो मेढा सोसाइटी के अंतर्गत आते हैं, के नाम से भी केसीसी फर्जीवाड़ा कुलदीप विश्वकर्मा ने किया था उनमें से अधिकांश किसानों की राशि वापस दिलाई गई है, यह अपने आप में सबूत है कि हमने किसानों को साथ लेकर उनकी मदद की है विगत 2 माह से भाजपाई इस मामले में मुझे फंसाने का प्रयास कर रहे हैं, किंतु मैंने हमेशा किसानों की लड़ाई लड़ी है उनका भला किया है किसी प्रबंधक या दलाल के दबाव में अपनी कार्रवाई नहीं रोकी।
थाना प्रभारी ने कार्यवाही क्यों नहीं की यह भी जांच का विषय है। हम सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे तथा किसानों को न्याय दिलाकर रहेंगे। पहली बार रिपोर्ट लिखाने में ग्राम खल्लारी के तुलाराम कंवर, सत्यदेव कन्हैया कवंर, एवन कवंर, राजूराम, मुरलीराम, रूपसिंह, शंकरलाल, शिवदेव सिंह, कुंजेलाल, उत्तम सिंह, तोताराम, भागीरथी, जीवराखन के अलावा मुड़पार के गणपत भी शामिल थे।