बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्ली राजहरा, 17 अप्रैल। दल्ली राजहरा में बौद्ध समाज, आंबेडकर अनुयायियों एवं सर्व समाज के तत्वाधान में क्रांति दृष्टा ,सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षणिक नियामक, अद्भुत संगठन प्रेरणा- प्रदाता ,शोषित, पीडि़त, उपेक्षित, प्रताडि़त ,मजदूरों, किसानों ,महिलाओं के उद्धारक ,बौद्ध धर्म के पुन: उद्धारक भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती समारोह 14 अप्रैल 2023 दिन शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज एवं महाप्रज्ञा बुद्ध विहार में पंचशील व नीले झंडे का ध्वजारोहण कर्ण कुमार उके सीएसपी राजहरा के द्वारा किया गया। सम्यक बौद्ध महासभा का ध्वजारोहण प्रवीण रामटेके एवं अतुल मेश्राम द्वारा किया गया। तत्पश्चात भवनों में परित्राण पाठ का आयोजन कर मिठाई वितरण किया गया। संध्याकालीन कार्यक्रम में बौद्ध समाज एवं सर्व समाज के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज पुराना बाजार से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विशाल शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में नगर के विभिन्न समाजों के समाज प्रमुख गण उपस्थित रहे।
शोभायात्रा में क्षेत्र की विधायक एवं कैबिनेट मंत्री अनिला भेडिय़ा शामिल हुई एवं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर समस्त बौद्ध समाज एवं नगर वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दिया। शोभायात्रा में त्रिभुवन बौद्ध एवं विजय बोरकर के मार्गदर्शन में डॉ.भीमराव की झांकी निकाली गई। भीम गीतों पर महिला एवं बच्चों ने डांस किया। बस्तर से आए डांस टीम यात्रा का विशेष आकर्षण का केंद्र था।
यात्रा के दौरान व्यापारी संघ, मुस्लिम समाज ,गोंडवाना समाज एवं अन्य समाजों द्वारा चौक चौराहों पर पानी, शरबत, आइसक्रीम, फल एवं बिस्किट वितरण किया गया। जैन भवन चौक में मंच बनाया गया था, जिसमें डॉ.भीमराव की विशेष फ्लेक्स बनाया गया था। जिसे लाइटिंग व कोल्ड फायर के माध्यम से आकर्षक बनाया गया। अतिथि के रूप में नगर पालिका के अध्यक्ष शिबू नायर एवं सीएसपी कर्ण कुमार उके ने अंबेडकर जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मंच में भारतीय बौद्ध महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष हेमंत कांडे, जिला अध्यक्ष वामन राव वानखेडे ,महाप्रज्ञ बुद्ध विहार के अध्यक्ष भीमराव भैसारे, छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज के अध्यक्ष फेरूलाल बाम्बेश्वर, ईश्वर खोब्रागड़े, त्रिभुवन बौद्ध मंचासीन थे। कार्यक्रम का मंच संचालन सम्यक बौद्ध महासभा के अध्यक्ष अशोक बाम्बेश्वर ने किया।