बालोद

संयुक्त खदान मजदूर संघ ने श्रम दिवस पर निकाली वाहन रैली
04-May-2023 2:34 PM
संयुक्त खदान मजदूर संघ ने श्रम दिवस पर निकाली वाहन रैली

  ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दल्लीराजहरा, 4 मई। संयुक्त खदान मजदूर संघ दल्लीराजहरा ने मई दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मई दिवस के दिन प्रात: यूनियन कार्यालय में झंडा रोहण सचिव कमलजीत सिंह मान ने किया।

   संध्या 5 बजे यूनियन ऑफिस कार्यालय से विशाल वाहन रैली निकाली गई, जिसमें समस्त नियमित कर्मचारी एवं ठेका कर्मचारियों ने रैली में भाग लिया।  रैली यूनियन कार्यालय से प्रारंभ हुई जो नगर भ्रमण करते हुए वापस जैन भवन चौक में पहुंचकर आमसभा के रूप में पर्रिवतित हुई।

   आम सभा को संयुक्त खदान मजदूर संघ के सचिव कमलजीत सिंह मान, उपाध्यक्ष पवन गंगवोईर, डीडी वर्मा, अध्यक्ष राजेंद्र बेहरा, इंटक यूनियन के अध्यक्ष तिलक मानकर, भारतीय मजदूर संघ के सचिव लखन चौधरी ने संबोधित किया।

    वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में मजदूर दिवस, श्रम दिवस मनाया जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों, किसानों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से मई दिवस का आयोजन करते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में और मजबूत हो सके। 

मजदूर किसी भी देश के विकास के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। हर कार्यक्षेत्र मजदूरों के परिश्रम पर ही निर्भर करता है। मजदूर दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ी? अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। पहली बार मजदूर दिवस 1889 में मनाने का फैसला लिया गया।

   इस दिन को मनाने की रूपरेखा अमेरिका के शिकागो शहर में बनी।  दरअसल 1886 में अमेरिका में आंदोलन की शुरुआत हुई जहां पर लाखों मजदूर एक साथ सडक़ पर उतर आए और अपने हक तथा शोषण के खिलाफ आंदोलन किया। अपने हक के लिए मजदूर हड़ताल पर बैठ गए। इस आंदोलन में मजदूरों की मांग थी कि कार्य के घंटे निर्धारित हों अर्थात फिक्स हों।  मजदूरों की मांग थी कि केवल 8 घंटे काम लिया जाए। इस आंदोलन में पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी। गोली चलने से कई मजदूरों की जान चली गई।  हजारों मजदूर घायल हो गए मजदूरों ने अपने कपड़े में खून लगाकर उसे ही झंडा बना दिया तबसे लाल झंडा मजदूरों के संघर्ष की पहचान बन गया।

    हमारे देश भारत में इस दिन को मनाने की शुरुआत लगभग 34 साल बाद हुई। मजदूरों का नेतृत्व वामपंथी कर रहे थे उनके आंदोलन को देखते हुए 1 मई 1923 में पहली बार चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया। 

   मजदूर संगठित रहेगा तो हम प्रबंधन से अपनी हर जायज मांग अपना हक लड़ कर ले सकते हैं। हमारी एकता के बल पर ही हमने प्रबंधन से बहुत कुछ लिया है और आगे भी संघर्ष करते हुए अपने हक को हम लोग लेंगे। अपने आपसी भेदभाव भूलाकर हम समस्त श्रमिकों को एकजुटता के साथ लडऩा होगा तभी हम अपने शोषण के खिलाफ लड़ पाएंगे और अपने अधिकार को पा सकते हैं। मजदूर एकता ही हमारी शक्ति है।

आम सभा का संचालन संगठन सचिव तोरण लाल साहू ने किया।  कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष दान सिंग चंद्राकर, कार्यालय सचिव राजेश कुमार साहू, ओपी शर्मा, श्रीनिवासलु, कनक बनर्जी, राज किशोर महंती, हंस कुमार, उमेश पटेल, कुलदीप सिंह, दानीराम साहू, वेंकट, आकाश कुमार, धनराज साहू,जीवन साहू, मनन कुमार, सुनील कुमार सिंह, कोमल निर्मलकर, सोमित साहू, सीजी केटी, मल्लू राम, संदीप यादव,  प्रवीण शर्मा, बहादुर , किशोर चंद्राकर, गंजाधर  साहू , विजय देशमुख, जीवन लाल साहू ,नवीन साहू, शेख चांद, समसुद्दीन अंसारी,अखिलेश मसीह, सत्यवान साहू, राहुल देव यादव, राजकुमार शर्मा, प्रवीण कुमार सहजिया, विष्णु राम साहू, आरबी सिंह, गुरमीत सिंह, मंगल सिंह, मंगलू राम, राजेश कुमार साहू, बाबूलाल बामलिया, दिलीप सुखदेवे, मोती लाल जॉर्ज, आसकरण साहू, मन्ना लाल पटेल, पुनाराम निषाद, कांता राव, कमलेश गंगराले, देवेंद्र उईके, गुरलेज सिंग, आर सुंदर, मिलाप राम, मनोज कुमार, जय प्रकाश बिश्नोई, शेखर कावले, दीपक सिप्पी, सफर अली, समारू राम, विनोद कुमार, अशोक रावटे,  नरोत्तम सागर, जितेंद्र कुमार नेताम, देवल सिंह नेताम, अनिमेष राधक, मोहरील कुमार, कृतिम नारायण, विल्सन पाल, चुन्नू लाल यादव आदि का विशेष सहयोग रहा और मई दिवस का कार्यक्रम सफल हुआ।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news