गरियाबंद

राजिम को जिला बनाने की मांग हो रही है तेज
13-May-2023 3:06 PM
राजिम को जिला बनाने की मांग हो रही है तेज

सन् 1998 में राजिम जिला के लिए फिंगेश्वर में दिया था धरना

लेकिन गुजरे 25 सालों में नहीं बन पाया जिला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 13 मई।
राजिम को एक नया जिला के रूप में देखने के लिए क्षेत्र के जनता काफी आतुर हैं धीरे-धीरे अनेक संगठनों ने राजिम को जिला बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में शासन-प्रशासन की कोई ठोस कदम नहीं दिखाई दे रही है जिससे क्षेत्र के नागरिकों में मायूसी देखी जा रही है।

दिनों दिन तरह-तरह के हथकंडे देखने को मिल रहे हैं। कभी जुबानी जंग हो रही है तो कभी मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जा रहा है जिले के लिए कई संगठन सामने आते जा रहे हैं और अब तो ऐसा लग रहा है कि यहां की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जिला की मांग पूरी करवाकर ही रहेंगे। वैसे भी उन्होंने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान राजिम पहुंचकर रात्रि विश्राम किया। शाम को ही तीन नदियों के मध्य में स्थित पंचमुखी कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर का दर्शन किया। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के पश्चात लोगों को उम्मीद जगी की मुख्यमंत्री राजिम को जिला बनाने की घोषणा कर ही रहें हैं लेकिन उन्होंने शाम को ही सामाजिक बंधुओं के मांग पर कह दिया कि जिला बनाने में समय लगता है और इतनी जल्दी स्टेबल करना मुश्किल है। इससे यहां के जनता निराश नहीं हुए बल्कि उन्हें लगने लगा की सुबह भगवान राजीवलोचन के दर्शन पश्चात जरूर जिले की सौगात देंगे। दूसरे दिन पत्रकारों के एक सवाल पर उन्होंने फिर यही बात दोहराई। इससे यहां के लोगों का विश्वास अटल हो गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने कार्यकाल के दौरान ही राजिम जिला जरूर बनाएंगे। ज्ञातव्य हो कि राजिम में तीन नदियों का संगम है इस लिए पवित्र त्रिवेणी संगम कहा जाता है यहां दूर-दूर से लोगअस्थि-विसर्जन श्राद्ध का कार्य संपन्न कराने आते हैं यह क्षेत्र एक प्रसिद्ध धार्मिक आस्था का केंद्र है।

बताना जरूरी है कि सन् 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय महासमुंद और धमतरी जिला अलग हो गए उस समय राजिम जिला के मांग को लेकर फिंगेश्वर के जनपद पंचायत प्रांगण में ब्लॉक के तमाम नेतागण धरने पर बैठ गए थे। उनकी प्रमुख मांग थी राजिम को जिला बनाया जाए या फिर रायपुर जिला में ही यथावत रखी जाए। उस समय राजिम जिला तो नहीं बनाया गया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ला के कहने पर धरना प्रदर्शन बंद कर दी गई और यथावत राजिम को रायपुर जिला में ही रखा गया। जानकारी देते हुए जनपद पंचायत फिंगेश्वर के पूर्व अध्यक्ष लोकेश पांडे ने बताया कि इस धरना प्रदर्शन में बिसौहा हरित, ओमप्रकाश बंछोर, गफूर खान, हरिशंकर श्रीवास्तव, कमल भारतीय, जितेंद्र गुप्ता, महेंद्र साहू, नोहर साहू, कोमल राम साहू, शिवकुमार सिंह ठाकुर समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे। लोकेश पांडे उस समय ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। उन्होंने बताया कि राजिम को जिला बनाने की मांग उस समय हरेक के जुबान पर थी। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही राजिम को जिला बनाने की मांग तेजी के साथ हो रही है लेकिन अभी तक इस दिशा में किसी ने सार्थक पहल नहीं किया नतीजा छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम जिला बनने के क्रम से छूट गया है।

संत  पवन दीवान कई बार उठाया राजिम जिला का मुद्दा
जानकारी के अनुसार संत कवि पवन दीवान राजिम जिला का मुद्दा कई बार उठाया। उन्होंने राजधानी भोपाल से लेकर राजधानी रायपुर में सत्ता के गलियारों से लेकर सरकारी दफ्तरों और अपने भाषणों में भी राजिम जिला की बात करते रहे और नेता, मंत्री गण उन्हें आश्वासन देते रहे। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम कार्यकाल में अजीत प्रमोद कुमार जोगी मुख्यमंत्री बनाए गए उन्होंने राजिम नवापारा प्रवास किया तब दीवान जी राजिम को जिला बनाने की बात पर अड़ गए। श्री जोगी ने कहा कि जब भी नए जिले बनाए जाएंगे उसमें राजिम नवापारा को जरूर सम्मिलित किया जाएगा। देखते ही देखते 20 वर्ष बीत गए। चार पंचवर्षीय कार्यकाल संपन्न होने को है। इस दौरान 16 से बढक़र 33 जिला हो गए। 17 नए जिले बन गए लेकिन राजिम का क्रम नहीं आया है इस बात का मलाल यहां की जनता को है। पूर्व मुख्यमंत्री जोगी कह कर तो चले गए लेकिन उन्हें पूरा करने का कार्य अभी भी अधूरा है। अब राजिम क्षेत्र की जनता का पूरा ध्यान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर है वह पवन दीवान के सपनों का राजिम जिला जरूर बनाएंगे तथा जोगी जी के कथन को पूरा करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्रियों के क्षेत्र बन गए हैं जिला
अविभाजित मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश में जितने मुख्यमंत्री हुए सभी के निर्वाचन क्षेत्र जिला के रूप में अस्तित्व में आ चुके हैं परंतु पंडित श्यामाचरण शुक्ला राजिम विधानसभा से चुनाव जीतकर तीन बार अविभाजित मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री रहे। उनके निर्वाचन क्षेत्र अभी भी जिला नहीं बन पाया है। बताना होगा कि अजीत जोगी का निर्वाचन क्षेत्र मरवाही जिला बन गया है। डॉ रमन सिंह का खैरागढ़ जिला बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के क्षेत्र भी कब का जिला के रूप में विकसित हो चुके हैं। परंतु राजिम विधानसभा क्षेत्र जिन्होंने सन् 1969 से लेकर 1990 तक तीन बार मुख्यमंत्री दिए। मुख्यमंत्री बनने के 43 वर्षों बाद भी राजिम जिला नहीं बनना सोचनीय विषय बन गया है।
 

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