बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 24 मई। बालोद जिले के डौंडीलोहारा ब्लॉक के ग्राम अरजपूरी की ग्रामीण आज पूरा गांव बंद कर सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे इससे पहले उन्होंने मंत्री अनिला भेडिय़ा के घर को घेरने की धमकी दी थी।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक व्यक्ति द्वारा पोल्ट्री फार्म खोला गया है, जिससे वे खासे परेशान हैं। पूरा गांव बदबू और गंदगी मक्खियों की चपेट में है। जीवनयापन खाना पीना सब दूभर हो गया है। हम विगत डेढ़ वर्षों से उसे बंद कराने की मांग कर रहे हैं, परंतु अब तक किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण आज हम गांव बंद कर सैकड़ों की संख्या में कलक्टोरेट पहुंचे हुए हैं, परंतु हमें कलेक्टर से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर के न मिलने के बाद सीधे-सीधे कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठ गए, जिससे घंटों तक यातायात प्रभावित रहा। एसडीओपी, थाना प्रभारी, एसडीएम, तहसीलदार लगातार उन्हें मनाने के लिए जुटे रहे।
एसडीएम मनाते रहे कि आप सब अपने कागज हमें दे दीजिए, हम कलेक्टर तक पहुंचा देते हैं, परंतु ग्रामीण कलेक्टर से मिलने को अड़े रहे। ग्रामीणों की मांग थी कि हम सैकड़ों की संख्या में आए हैं तो सभी के सभी कलेक्टर से मिलकर अपनी बात को रखेंगे। डेढ़ वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर हम सब परेशान हो गए हैं।
ग्राम की सरपंच कुहकी मंडावी ने बताया कि हम बीते सप्ताह गांव में चक्काजाम किए थे और अफसरों को अपनी समस्याओं को बताए थे, परंतु किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया। हम चाहते हैं कि सीधा-सीधा पोल्ट्री फार्म को बंद कर दिया जाए।
सरपंच ने आरोप लगाया कि जांच में अधिकारी जाते तो है परंतु मिक्चर और बिस्किट खाकर वापस आ जाते हैं। न ही सरपंच को सूचना दी जाती है न ही किसी ग्रामीणों को। महज औपचारिक जांच किया जा रहा है, जिसके कारण हम लोग असंतुष्ट हैं।
सरपंच ने बताया कि मवेशियों को पालना भी दूभर हो गया, हर तरफ मक्खियां भिन्न-भिन्न आती रहती है बदबू का साया रहता है, खाने-पीने की सामग्रियां दूषित हो जाती है।
एसडीएम ने कहा- न्यायालयीन प्रक्रिया
डौंडीलोहारा के एसडीएम मनोज मार्क ने ग्रामीणों को बार-बार बताया कि यह एक न्यायालयीन प्रक्रिया में है, क्योंकि उन्हें नोटिस जारी किया गया है और नोटिस के जवाब के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीधे-सीधे मैं उस जगह पर कार्रवाई नहीं करा सकता, वरना मुझे कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे इनके साथ-साथ अन्य अधिकारी-कर्मचारी हुई ग्रामीणों को समझाइश देते रहे कि जो भी होगा, नियम से होगा, परंतु ग्रामीण इतने परेशान हैं कि वह सडक़ पर ही कड़ी धूप में घंटों बैठे रहे।