बालोद

बाल मधुमेह किट का वितरण, छोटे बच्चे भी करते हैं आसानी से उपयोग
07-Jun-2023 7:42 PM
बाल मधुमेह किट का वितरण, छोटे  बच्चे भी करते हैं आसानी से उपयोग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 7 जून।
बालोद जिले में मुख्यमंत्री बाल मधुमेह सुरक्षा अभियान के तहत आज लगभग 18 बाल मधुमेह से ग्रसित लोगों को सुरक्षा किट प्रदान किया गया जिले के डीपीएम अखिलेश शर्मा एवं इस अभियान के नोडल अधिकारी संजीव ग्लैड ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान मधुमेह रोगियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। प्रत्येक वर्ष एक बार स्पीड का वितरण किया जाता है आज हमने सभी मधुमेह ग्रसित बच्चों को यह किट वितरण किया है और यह किट 1 वर्ष के लिए है उन्होंने कहा कि इस किट के उपयोग से बच्चों में काफी सुधार देखने को मिल रहा है।

0 से 13 वर्ष तक पंजीयन
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शून्य से 13 वर्ष के बच्चे इसके लिए पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह किट 21 वर्ष तक निशुल्क प्रदान किया जाएगा वहीं स्वास्थ्य विभाग ने यह भी दावा किया है कि हमने 21 वर्ष से अधिक लोगों को भी इस तरह के किट प्रदान किए हैं।

 इस किट में मधुमेह ग्रसित लोगों के लिए संपूर्ण इलाज की सुविधाएं है। आज 18 बाल मधुमेह ग्रसित बच्चों को और उनके पालकों को किट प्रदान किए गया है।

जानिए क्या है इस किट में
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वितरण किया जा रहे इस किट में इंसुलिन के साथ-साथ ग्लूकामीटर सहित अन्य महत्वपूर्ण सुविधा की वस्तुएं उपलब्ध है छोटे-छोटे बच्चे भी इस किट का प्रयोग स्वयं ही कर सकते हैं। यह किट यूजर फ्रेंडली चाइल्ड फ्रेंडली है और इसकी का उपयोग करने के लिए कोई खास प्रशिक्षण भी नहीं चाहिए वैसे आज बच्चों को सामान्य उपयोग के लिए डॉक्टर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

डीपीएम अखिलेश शर्मा एवं नोडल अधिकारी संजीव ग्लैड ने बताया कि  4 से 5 लोग नॉर्मल आ गए हैं, कोई भी गंभीर नहीं है साल में एक बार स्पीड का वितरण किया जाता है पिछले वर्ष जो किट वितरित किए गए थे उसका रेगुलर उपयोग करने के बाद चार से पांच लोग आज बेहद स्वस्थ हैं और उन्हें अन्य बाहर की दवाइयां को जरूरत नहीं पड़ रहा है।

इसके लिए विभाग द्वारा टोल फ्री नम्बर 104 भी जारी किया जा रहा है। इसके माध्यम से मरीज अपना नाम एवं विस्तृत जानकारी दर्ज करा सकते हैं। टोल फ्री नम्बर नम्बर से पंजीयन कराने वाले मरीजों को विभाग द्वारा उचित परीक्षण किया जाएगा। एवं पुष्टि उपरांत ऐसे मरीजों को इस योजना का अंग बनाया जाएगा। इसके बाद उन्हें मुफ्त में इंसुलिन दी जाएगी।

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