बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 8 जून। बालोद शहर के नया बस स्टैंड परिसर में पटवारी की हड़ताल अनवरत जारी है सरकार द्वारा अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए पटवारी के हड़ताल के मध्य नजर एस्मा लगा दिया गया है बावजूद इसके पटवारी पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है, बल्कि धरना स्थल पर आज बालोद जिले भर के पटवारी ने जमकर प्रदर्शन करते हुए आंदोलन तेज कर दिया है आज प्रदर्शनकारी पटवारी ने अपने धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी किए गए एस्मा की कॉपियों को सामूहिक रूप से जला दिया गया।
डरने वाले नहीं हम
बालोद जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष लोकेश कुमार साहू ने बताया कि प्रदेश की सरकार अब दमनकारी नीतियां अपनाने पर उतारू हो आई है, यहां पर हमसे बिना कोई चर्चा किए एस्मा लगा दिया गया है। एक बार सरकार को हमसे बात तो करना चाहिए आखिर हम उन्हीं के ही तो कर्मचारी हैं। सरकार के इस आदेश के बाद पटवारियों में काफी आक्रोश है और हम एस्मा संबंधी आदेश की प्रतियां जला रहे हैं।
ये हैं आठ मांगें
1. वेतन विसंगति को दूर कर वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए।
2. वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जाए। राजस्व निरीक्षक के कुल पदों में 50 फीसदी पर पटवारियों के वरिष्ठता के आधार पर और 50 फीसदी पदों पर विभागीय परीक्षा के आधार पर प्रमोशन किया जाए, साथ ही 5 वर्ष पूर्ण कर चुके पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाए।
3. संसाधन और भत्ते की मांग 4. स्टेशनरी भत्ते की मांग 5. अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता की मांग 6. पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग 7. मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए 8. बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज ना किया जाए।
7 जून से प्रभावी आदेश
23 दिन से चल रही हड़ताल के मद्देनजर राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की शक्तियों का प्रयोग किया है। यह आदेश सात जून से प्रभावीशील है और आगामी तीन महीने के लिए प्रभावशील रहेगा। आदेश को राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है।
इस बीच, पटवारी संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।