बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 21 जून। बालोद जिले की बेटी श्रद्धा साहू जो कि एक सामान्य कामकाजी महिला होने के साथ अपने प्रकृति प्रेम को लेकर पूरे समाज को एक अलग दिशा दे रही है किसान परिवार की बेटी होने के वजह से श्रद्धा साहू ने बचपन से पेड़ों की कटाई को देखा प्रकृति के बेतहाशा दोहन को देखा किसे प्लास्टिक के चलते बंजर होती जमीनों को देखा फिर उसने स्वयं से एक निर्णय लिया कि अब वो प्रकृति के लिए खुद से एक नई पहल करेंगे और उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक को मात देने 100 बर्तनों के सेट के साथ अपने मोहल्ले से स्टील बर्तन बैंक की शुरुआत की। देखते ही देखते ही देखते श्रद्धा की यह पहल एक जन जागरूकता अभियान का रूप लेने लगी और अब पूरे प्रदेश में स्टील बर्तन बैंक की सैंकड़ों शाखाएं काम कर रही है, जो सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को मात दे रही है। बचपन में टहनियों को कांटे जाने पर रोने लगती थी श्रद्धा।
जानिए कैसे हुई शुरुआत
श्रद्धा ने बताया कि वर्ष 2016 में उन्होंने स्टील बर्तन बैंक के नाम से नींव रखते हुए 500 थाली चम्मच गिलास के साथ शुरुआत की और आयोजनों में अपने बर्तन को मुफ्त में देना शुरू किया वो भी अपने मोहल्ले से श्रद्धा के इस पहल को लोगों ने सराहा और हाथों हाथ लिया फिर श्रद्धा यहीं नहीं रुकी उसने भिलाई,दुर्ग, रायपुर और बस्तर तक अपने इस मुहिम को पहुंचाया और यह मुहिम अब सब के जुबान पर है। कई जगहों पर अब प्लास्टिक का बहिष्कार होना शुरू हो गया है।
ऐसे आया आइडिया
श्रद्धा ने बताया कि यह आइडिया वास्तविक रूप से हमारी संस्कृति से आया है पहले के समय में स्टील के बर्तनों में खाना खाते थे, जब सार्वजनिक भोज होता था तो लोग अपने घरों से स्टील की थाली और गिलास लेकर जाते थे। श्रद्धा ने बताया कि प्लास्टिक बैन को लेकर विभिन्न आयोजन होते हैं, लेकिन उन आयोजनों में भी प्लास्टिक का बेतहाशा उपयोग होता है यह किसी मुहिम के साथ न्याय बिलकुल भी नहीं हो सकता इसके साथ न्याय तब होगा जब हम अपने आप से इसकी शुरुआत करेंगे।
एजाज ढेबर ने अपनाई मुहिम
श्रद्धा साहू ने बताया कि उनके इस मुहिम को भिलाई नगर निगम उतई, नगर निगम, रिसाली नगर निगम और रायपुर नगर निगम ने अपनाया है रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने पूरे रायपुर में 500 जगह बर्तन बैंक खोलने का फैसला लिया। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है ऐसे ही प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस अभियान को अपनाना चाहिए उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग, बालोद दुर्ग, राजनांदगांव, में यह पहल बहुत सफल हुई है। बालोद के नयापारा में जागेश्वरी साहू अपनी टीम के साथ मेरे अभियान को आगे बढ़ा रही है राजनांदगांव में ओमकार साहू आगे बढ़ा रहे, जगदलपुर में तरुणा साहू इस अभियान को आगे बढ़ा रही है।
इन पुरस्कारों से हुई सम्मानित
श्रद्धा साहू को प्रकृति के लिए शुरू की गई इस अभियान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं शक्ति स्वरूपा सम्मान, वीरांगना सम्मान, अतुल्य शक्ति नारी सम्मान, कर्मा मैय्या सम्मान, शामिल है। अकेले राज्यपाल से 4 बार सम्मान मिल चुका है।
गोल्डन बुक में दर्ज कराया नाम
इन्होंने अपने बर्तन बैंक के द्वारा स्वयं के स्टील गिलास से 126 कार्यक्रम में लोगों को प्लास्टिक मुक्त अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय कार्य करते हुए स्टील गिलास के माध्यम से पानी पिलाई गई जो एक गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है। इन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से श्रद्धा वर्तन बैंक स्थापित कर चुकी हैं। श्रद्धा साहू छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, धमतरी, बलौदा बाजार, दंतेवाड़ा, दुर्ग, बालोद, रायगढ़, जांजगीर-चांपा इत्यादि जिलों में बर्तन बैंक स्थापित कर पर्यावरण को संरक्षित करने लोगों को जागरूक कर रही है। वे प्लास्टिक मुक्त अभियान की अग्रणी कार्यकर्ता हैं।
पत्तों के उपयोग पर फोकस
श्रद्धा साहू स्टील बर्तन के साथ साथ पत्तों से बने थालियों को उपयोग के लिए भी प्रेरित करती हैं उनका मानना है कि वह पत्ते खेतों में जाकर खाद बनते हैं या फिर मवेशी भी आसानी से खा जाते हैं, वो प्राकृतिक वस्तु है लेकिन प्लास्टिक की थालियां मवेशियों से लेकर मिट्टी और पर्यावरण सब के लिए हानिकारक है।
आपको जरूरत है तो इस मोबाइल नंबर पर करें कॉल
बर्तन बैंक यानी वह व्यवस्था जिसमें आपको अपने घर में किसी पार्टी या आयोजन के लिए बर्तनों की जरूरत है तो इसे न किराए पर लेने पड़ेंगे और न ही डिस्पोजेबल बर्तन खरीदने होंगे। बस एक कॉल पर आप मुफ्त में स्टील के बर्तन ले जा सकेंगे। हालांकि शर्त यह है कि जो बर्तन ले जाएंगे, उसको वापस करना पड़ेगा। अगर आपको स्टील के बर्तन की जरूरत है तो 9131646674 में कॉल कर संपर्क कर सकते है। जिसके बाद आप समूह की ओर से बताए गए स्थान में पहुंचकर स्टील के बर्तन ले जा सकते है। इस पहल से लोगों को अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा।
जन अभियान बने बर्तन बैंक
श्रद्धा साहू का मानना है कि किसी भी अभियान का शुरआत स्वयं हम से होती है इसीलिए वो चाहती है कि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो और स्वयं से वो इस अभियान में शामिल हो अपनी जिम्मेदारी समझे तभी हम। प्रकृति को अपना शत प्रतिशत समर्पण दे पाएंगे प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया इसके बदले अब हमें प्रकृति को कचरा नहीं देना चाहिए हमें अपने बच्चों के भविष्य के लिए प्रकृति को संरक्षित कर रखना है।
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