कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 4 जुलाई। केशकाल एसडीएम कार्यालय के सभागार में सोमवार को प्रशासन व पुलिस द्वारा केशकाल क्षेत्र के समस्त पास्टरों की बैठक रखी गई थी। इस बैठक में मुख्यत: क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के सम्बंध में चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में धर्मान्तरित लोगों की मृत्यु होने के पश्चात उन्हें दफनाने को लेकर ग्रामीणों और ईसाई समाज के बीच होने वाली विवाद की स्थिति से निपटने के संबंध में चर्चा कर आवश्यक रूपरेखा बनाई गई। साथ ही किसी भी धर्मांरित व्यक्ति की मृत्यु होने पर तत्काल सर्वप्रथम प्रशासन को सूचना देने की समझाइश दी गई।
ज्ञात हो कि विगत कुछ वर्षों से केशकाल समेत आसपास के गांवों में धर्मांतरित व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसके शव को गांव में दफनाने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों तथा ईसाई समाज के लोगों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती थी। ऐसे में इन परिस्थितियों से निपटना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। चूंकि गांव वाले शव को अपने गांव की भूमि में दफन करने की अनुमति नहीं देते थे। ऐसे में प्रशासन व पुलिस द्वारा केशकाल विधानसभा क्षेत्र के शवों को केशकाल के श्मशान घाट में लाकर दफनाया जाता था।
इसके मद्देनजर कुछ माह पहले जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने कोंडागांव जिले के सभी विकासखंड अंतर्गत निवासरत पास्टरों से संपर्क कर जिला मुख्यालय में एक बैठक आहुत की गई थी। जिसमें ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए पास्टरों से विचार विमर्श कर आवश्यक रूप रेखा भी बनाई गई थी।
इस संबंध में केशकाल एसडीएम शंकरलाल सिन्हा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशन पर केशकाल अनुविभाग के समस्त पास्टरों के साथ बैठक रखकर उनके समाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्हें बताया गया कि यदि गांव में किसी धर्म आश्रित व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसे दफन करने से पहले प्रशासन को सूचना दें। ताकि गांव में विवाद की स्थिति निर्मित न हो तथा उक्त शव को केशकाल अथवा कोंडागांव के निर्धारित श्मशान घाट में दफनाया जा सके। इस दौरान फरसगांव एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा, तहसीलदार आशुतोष शर्मा व थाना प्रभारी विनोद साहू भी मौजूद रहे।