महासमुन्द

महासमुंद के पास भोरिंग में बन रही हेचरी अनुपयोगी, खर्च हो रहे 2 करोड़...!
09-Jul-2023 2:18 PM
महासमुंद के पास भोरिंग में बन रही हेचरी अनुपयोगी, खर्च हो रहे 2 करोड़...!

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 जुलाई।
जिला पंचायत महासमुंद के कृषि स्थायी समिति की बैठक शुक्रवार को मत्स्य विभाग कार्यालय में आयोजित हुई। समीक्षा बैठक के दौरान कृषि सभापति अमर अरूण चंद्राकर ने भोरिंग के निर्माणाधीन हेचरी की प्रगति की समीक्षा की। जिसमें बताया गया कि डीएमएफ मद से 50 लाख तथा छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ रायपुर द्वारा लगभग 2 करोड़ रुपए संयुक्त रूप से बनाए जा रहे हेचरी निर्माण 2018 में प्रस्तावित था। जिसके निर्माण की पूर्णता अवधि 30 सितंबर 2022 थी जो अभी तक जिला मत्स्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है। जिस पर समिति के समस्त सदस्यों व विभागीय अधिकारियों द्वारा भोरिंग जाकर उक्त हेचरी का निरीक्षण किया।  पाया गया कि उक्त हेचरी पूर्ण रूप से गुणवत्ताविहीन तथा अनुपयोगी हैं। निरीक्षण में पानी की कमी, अनियमितता सामने आई और हेचरी पूर्ण रूप से अनुपयोगी पाया गया।

इस पर प्रस्ताव बनाकर उक्त हेचरी को हैंडओवर नहीं लेने सहमति बनी। वहीं निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि 40 एकड़ से अधिक शासकीय जमीन उक्त हेचरी के लिए उपलब्ध कराया गया था। जिसमें मत्स्य महासंघ द्वारा कार्य नहीं कराए गए। स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध नहीं कराया गया। उक्त हेचरी में मनरेगा के तहत भी ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिला। स्थानीय सरपंच सचिवों से चर्चा कर जानकारी ली गई। 

इस संबंध में सभापति व समिति पदाधिकारियों द्वारा कलेक्टर को अवगत कराने तथा पत्र प्रेषित कर डीएमएफ की राशि उक्त हेचरी में किन.किन कार्यों के लिए खर्च की गई इसकी शिकायत की बात कही गई। इस अवसर मत्स्य विभाग के अधिकारी एके सिंह, सरपंच उषा साहू, सरपंच प्रतिनिधि राजेश साहू, वेदप्रकाश साहू सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी व ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मत्स्य विभाग की योजना की समीक्षा के दौरान योजनावार घटक वार मत्स्य उत्पादन, बीज उत्पादन, अन्य भैतिक, वित्तीय लक्ष्य पूर्ति शत.प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश सहायक संचालक मत्स्य को दिये गये। समीक्षा के दौरान मत्स्य विभाग को सौंपे गए जिला पंचायत के अधीन तीन मिनी जलाशयों महासमुंद ब्लॉक के पासीद जलाशय, बागबाहरा ब्लॉक के जय मां चण्डी जलाशय, राजगजधनी जलाशय पिथौरा के अनुबंध संबंधी चर्चा हुई। जिसमें बताया गया कि पासीद जलाशय की अनुबंध की राशि प्रतिवर्ष समय पर जमा हो रहा है। वहीं शेष 2 जलाशयों की अनुबंध राशि विभाग को नहीं मिलने पर संबंधित को नोटिस जारी करने सहमति बनी। 

इसके साथ ही वर्ष 2022-23 में मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिला इसकी समीक्षा भी की गई। जिसमें बताया गया कि इस योजना के तहत ग्राम मोहंदी के किसान को 25 लाख रुपए की लागत से हेचरी बनाकर दिया गया। जिसके तहत किसान को 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की गई। साथ ही पिथौरा क्षेत्र के एक किसान को हाईटेक हेचरी निर्माण के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए देकर उन्हें भी 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर लाभान्वित किया गया। 

इसके साथ ही मत्स्य पालक किसानों को जाल वितरण, आइस बॉक्स, मछली परिवहन हेतु वाहन आदि की जानकारी दी गई। विभाग द्वारा संचालित ग्राम बेलटुकरी हेचरी व खरोरा हेचरी के कार्यों की समीक्षा की गई। जिसमें पता चला कि बेलटुकरी के हेचरी से विगत वर्ष 15 लाख रुपए का लाभ विभाग को मिला।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news