गरियाबंद

फैल रहा है आई फ्लू का प्रकोप, बचाव के लिए करें नियम का पालन- डॉ.तेजेंद्र
26-Jul-2023 7:29 PM
फैल रहा है आई फ्लू का प्रकोप, बचाव के लिए करें नियम का पालन- डॉ.तेजेंद्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा-राजिम, 26 जुलाई। बदलते मौसम एवं बारिश नमी एवं दूषित जल से कई तरह के बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं इन्ही बैक्टीरिया के वजह से क्षेत्र में कई प्रकार के संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है।इसी में एक आई फ्लू का भी प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।

आई फ्लू के बचाव एवं रोकथाम के संबंध में नवापारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ. तेजेंद्र साहू ने बताया कि आई फ्लू के लक्षण आंखों का लाल होना आंखों में सफेद रंग का कीचड़ आना आंखों से पानी बहना आंखों में सूजन आंखों में खुजली और दर्द होना, कंजंक्टीवाइटिस होने पर आँखों का लाल हो जाना,पलकों का सूजना, हल्का सिर दर्द, आँखों से पानी आना,आँखों से सफेद कचरा, डिस्चार्ज आना,पलकों का चिपक जाना, इत्यादि की शिकायतें मरीज करते हैं।

संक्रमण के कारण होने वाली कंजंक्टवाइटिस सामान्य सर्दी, बुखार, खाँसी के साथ या बाद में भी हो सकती है। एलर्जी के कारण होने वाली कंजंक्टीवाइटिस में मुख्य कारण पराग कण धूल से दवाओं से एलर्जी हो जाना होता है। इसमें मरीज आँखों में सूजन, लालिमा, खुजलाहट, पानी आना, जलन की शिकायत करते हैं। आँखों में बाहरी कण चले जाने, चोट लगने के कारण भी कंजंक्टीवाइटिस हो जाती है, जिसके कारण आँख लाल होना, पानी आना,दर्द होना आम लक्षण हैं। एलर्जी के कारण होने वाली कंजंक्टवाइटिस का इलाज के कारण का निदान करने से ही हो जाता है। यदि किसी दवा के कारण एलर्जी हो गई हो तो उस दवा को बंद कर एलर्जी प्रतिरोधक दवा लेने से ठीक हो जाती है।आँख में कचरा जाने,चोट लगने के कारण होने वाली कंजंक्टीवाइटिस कण निकालने, चोट के ठीक होने पर ही ठीक हो सकती है। संक्रमण के कारण होने वाली कंजंक्टीवाइटिस सबसे आम है। यह बरसात में स्कूल के बच्चों में,ऑफिस में, हॉस्टल में निकट सम्पर्क के कारण सामूहिक रूप से प्रभावि करती है।

डॉ तेजेन्द्र साहू ने कहा कंजंक्टीवाइटिस से बचने के लिए आवश्यक है कि मरीज के सम्पर्क से यथासम्भव बचा जाए। यदि फिर भी कंजंक्टीवाइटिस के प्रकोप के शिकार हो जावे, तब रंगीन चश्मे का उपयोग करें, जिससे आँखों को आराम मिलेगा।

अपना तौलिया,रूमाल,पेन इत्यादि व्यक्तिगत वस्तुएँ अलग रखें। ऑफिस, शाला से अवकाश लेकर विश्राम करें, जिससे संक्रमण सहकर्मियों व दोस्तों में न फैल जावे। आँखों से पानी, डिस्चार्ज साफ रूमाल से साफ करें, आँखे बार बार साफ करें. हाथ साबुन से धोवें।

डॉ तेजेन्द्र साहू ने कहा कंजंक्टीवाइटिस के फैलने के बारे में कुछ भ्रांतियाँ हैं, जैसे कि पहले यह माना जाता था यह मरीज की आँखों में देख लेने से ही हो जाती है, जबकि वास्तविकता यह नहीं है। यह सिर्फ देखने से नहीं होता बल्कि किसी मरीज के निकट सम्पर्क में जाने से,स्पर्श, हाथ मिलाने, संक्रमित व्यक्ति की व्यक्तिगत वस्तुओं के उपयोग से हो सकता है।

कंजक्टिवाइटिस होने पर आँखों में लालिमा, दर्द, धुँधला दिखने पर नेत्र विशेषज्ञ से सम्पर्क करें। रोगी का चश्मा न लगाए। यथासम्भव रेल, बस इत्यादि साधनों से यात्रा न करें। स्विमिंग पुल में न जाए, सामूहिक कार्यक्रम में जाने से बचें। आँखों में सूरमा, काजल का प्रयोग न करें। कॉन्टेक्ट लेंस न लगाएं. आंखों को बार बार न रगड़े.मूवी, वीडियो गेम देखते रहने की बजाय आँखों को आराम दें। अपनी आँखों में कोई भी दवा किसी परामर्श के स्वयं ही न डालें। आँख में दवाएँ नेत्र विशेषज्ञ से सम्पर्क तथा परामर्श के बाद ही डालनी चाहिए। आँखों में दवा डालने के पूर्व उसकी एक्सपायरी तारीख ठीक से देख लेवें, ताकि वह बाद में हानिकारक सिद्ध न हो कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

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