गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 29 जुलाई। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज तेली वंश की आराध्य देवी माता राजिम के नाम से प्रसिद्ध राजिम नगरी ऐतिहासिक धार्मिक एवं पुरातत्व की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण नगर है जहां पर प्रतिवर्ष माघी पुन्नी मेला लगता है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करके माता राजिम भगवान राजीवलोचन तथा श्री कुलेश्वर नाथ महादेव के दर्शन करके अपने जीवन को धन्य बनाते हैं। इसके साथ ही प्रतिवर्ष 7 जनवरी को साहू समाज की आराध्य देवी राजिम माता जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से लाखों की संख्या में समाजिक जन इक_ा होकर माता के जयंती मनाते हैं।
छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आबादी साहू समाज के लिए यह नगरी बहुत ही पवित्र आस्था और श्रद्धा का केंद्र बिंदु है छत्तीसगढ़ में पर्यटन एवं धार्मिक आस्था की दृष्टि से राजिम नगर के सर्वांगीण विकास एवं सौंदर्यीकरण की जरूरत को ध्यान में रखते हुए जिस प्रकार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भगवान महाकाल कारी रोड का निर्माण किया गया है। छत्तीसगढ़ में ही मां दंतेश्वरी कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है उसी प्रकार राजिम माता कारिडोर का निर्माण की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू ने कहा कि राजिम नगर को भारत के मानचित्र पर ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए माता राजिम कारी रोड का निर्माण आवश्यक है। श्री साहू ने केंद्र और राज्य सरकार से राजिम माता काली डोर निर्माण के लिए पत्र लिखकर आग्रह किया है।