राजनांदगांव
आदिवासी नेता सूरजू टेकाम के बयान के बाद भाजपा का थाना के सामने प्रदर्शन
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 1 अगस्त। राज्य सरकार के संसदीय सचिव व मोहला-मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी की मौजूदगी में एक सभा में आदिवासी नेता सूरजू टेकाम के द्वारा दिए गए विवादित वक्तव्य से बवाल मच गया है।
रविवार को टेकाम ने अपने संबोधन में भाजपाईयों को सरेआम पीटने और आदिवासी इलाकों से दूर रहने की अपील कर दी। उनके इस वक्तव्य के दौरान मंच पर संसदीय सचिव मंडावी भी उपस्थित थे। टेकाम के विवादित बोल का सभा में लोगों ने ताली बजाकर समर्थन किया। भाजपाइयों को खुले तौर पर मोहला-मानपुर क्षेत्र से दूर रहने की धमकी देने के साथ टेकाम ने क्षेत्र की जनता से पीटने की बात कही। इस बयान के बाद भाजपा नाराज़ हो गई है।
भाजपा को इस बात पर सख्त आपत्ति है कि टेकाम राज्य सरकार के संसदीय सचिव के समक्ष बयान दे रहे थे और वे मौन साधे। इससे साफ है कि नक्सल समर्थक माने जाने वाले टेकाम को सीधे संसदीय सचिव और राज्य सरकार का संरक्षण है।
सोशल मीडिया पर भाजपा के नेता बयान के खिलाफ में एकजुट हो गए और सार्वजनिक रूप से टेकाम और मंडावी पर भाजपाईयों को टारगेट करने का दोष मढऩे लगे। इधर भाजपा नेताओं ने बयान देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग लेकर सोमवार को मानपुर थाना के सामने धरना प्रदर्शन किया। हालांकि संसदीय सचिव मंडावी ने एक बयान जारी कर टेकाम के द्वारा कहे गए शब्दों से किनारा कर लिया।
उनका कहना है कि कांग्रेस देश की संविधान का सम्मान करती है। उन्होंने दावा किया कि जब टेकाम विवादित टिप्पणी कर रहे थे, उसी दौरान सभा में उनके द्वारा ऐसा बोलने पर आपत्ति दर्ज की। उधर भाजपा ने नक्सलियों के द्वारा मारे गए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की एक सूची जारी की, जिसमें भाजपा से जुड़ा होना हत्या की एक प्रमुख वजह बनी।
सांसद संतोष पांडे ने भी बयान को लेकर कड़ी आलोचना करते मंडावी पर माओवादियों को समर्थन देने का शह देने आरोप लगाया। सांसद का कहना है कि यह एक शर्मनाक करतूत है। टेकाम के बयान की जांच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि घटना के बाद एसपी रत्ना सिंह ने कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।