दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 3 अगस्त । छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान संयुक्त जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जनसुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण किया।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित एनएमडीसी प्रतिनिधियों से प्रभावित ग्रामों में एनएमडीसी की भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने, स्कूलों की व्यवस्था, स्वास्थ्य सुलभता, पेयजल प्रबंधन सहित अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि एनएमडीसी द्वारा परियोजना से प्रभावित कुल 53 ग्रामों में सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सतत प्रयास जारी रहना चाहिए। इसमें स्थानीय भर्ती में रोस्टर का पालन, एंबुलेंस के साथ-साथ बाइक एंबुलेंस की उपलब्ध कराने एवं ग्रामीण छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत करना तथा दूषित पेयजल के निराकरण हेतु ग्रामों में सोलर ड्यूल पम्प लगाना जैसे कार्य को प्राथमिकता दिया जाए। साथ ही पहुंचविहीन ग्रामों में पुल-पुलिया का निर्माण भी एनएमडीसी परियोजना का नैतिक दायित्व है। इसके लिए श्री सिंह द्वारा समय सीमा का भी निर्धारण किया गया। बैठक में एनएमडीसी प्रतिनिधियों द्वारा भी पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित ग्रामों में चलाए जा रहे आधारभूत निर्माण कार्य की भी जानकारी दी गई।
पति- पत्नी में कराई सुलह
बैठक में अध्यक्ष ने आयोग के समक्ष आए प्रकरणों की जन सुनवाई भी की। जिसमें एक अलग रह रहे पति-पत्नी के प्रकरण में विचार करके दोनों में आपसी सहमति करके निराकरण भी किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आयोग जनजाति वर्ग के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के धरातलीय क्रियान्वयन के प्रति सदैव जागरूक है। इन वर्गों सर्वांगीण उन्नति के लिए सदैव प्रयासरत रहेगा। राज्य शासन की सभी कल्याणकारी योजनाएं एवं नीतियां इन वर्गों तक पहुंचाना आयोग का प्रमुख उद्देश्य है।
इस दौरान कलेक्टर विनीत नंदनवार, आदिवासी विकास विभाग उपायुक्त डॉ आनंद सिंह एनएमडीसी के प्रतिनिधि और ग्रामीण नागरिक प्रमुख रूप से मौजूद थे।