राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अगस्त। श्री गणेश मंदिर मोनी बाबा आश्रम के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि कांवर यात्रा आज अपने उत्कर्ष पर है जब हम इसका इतिहास देखेंगे तो पायेंगे कि आज से बीस वर्ष पहले 1994 में उद्याचल संस्था में पूज्य गुरूदेव मौनीबाबा द्वारा महारुद्र यज्ञ कराया गया था।
सावन मास के इस यज्ञ में पहली बार मैथिल ब्राह्मण समाज द्वारा यज्ञ स्थल पर स्थापित द्वादश ज्योतिर्लिंग मैं शिवनाथ नदी से कावड़ द्वारा जल लाकर चढ़ाया गया था। पंडित लाल झा, अशोक चौधरी, स्व.गोपाल मिश्रा के सहयोग से यह यात्रा मोनी बाबा के संरक्षण प्रारंभ किया गया था।
आज 20 वर्ष पश्चात राजनांदगांव शहर की सभी मोहल्ले में स्थापित शिव मंदिर में कांवर से जल लाकर के जल चढ़ाया जाता है। श्रावण सोमवार के दिन हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री अपने अपने इष्ट को जल अर्पण करने के लिए शिवनाथ से जल उठा कर बोल बम के नारे एवं भगवान भोलेनाथ के गीत गाते हुए झूमते हुए मस्ती में आते देख कर मन प्रसन्न हो गया।
पूज्य मोनी बाबा के द्वारा स्थापित यह परंपरा श्री गणेश मंदिर में स्थापित बाबा बैद्यनाथ में जल चढ़ाने के बाद पूज्य सिंधी समाज के द्वारा भारी संख्या में शिव मंदिर को जल चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुआ। यह पुण्य कार्य राजनांदगांव शहर के सभी मोहल्लों में स्थापित शिवलिंग को भक्ति भाव से जल अर्पण करने का कार्य हो रहा है।
इस वर्ष बागेश्वर बाबा मंदिर में सर्वाधिक कांवड़ यात्री बागेश्वर धाम में जल चढ़ाने के लिए एकत्रित होते हैं एवं इस वर्ष पहली बार डाक बम की परंपरा भी प्रारंभ की गई है। शिव भक्ति के इस बेला में राजू डागा एवं पवन डागा के नेतृत्व में श्री चंद्रमौलेश्वर की पालकी यात्रा राजनांदगांव शहर में भक्ति का बहुत बड़ा वातावरण तैयार किया गया।
इसे महाकाल बाबा चंद्रमौलेश्वर की कृपा ही कहते हैं।