खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 27 अगस्त। कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला अंधत्व नियंत्रण समिति नेतृत्व में, सँयुक्त कलेक्टर निशा कपूर, डिप्टी कलेक्टर दशरथ राजपूत, डिप्टी कलेक्टर टंकेश्वर साहू सहित जिला के सभी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में 25 अगस्त से 8 सितंबर तक 38वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा का शुभारंभ नेत्रदान हेतु संकल्प यात्रा व जागरूकता अभियान के रूप प्रारंभ हुआ।
तत्पश्चात सीएमएचओ डॉ.रवि शंकर सत्यार्थी के निर्देशानुसार जिला नोडल अधिकारी डॉ.बोधन परते अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के द्वारा दीप प्रज्वलित कर नेत्रदान पखवाड़ा के तहत नि:शुक्ल नेत्र शिविर का शुभारंभ, जिला नोडल अधिकारी डॉ.संदीप भास्कर, डॉ. विद्या, डॉ.हर्षा भास्कर, डीपीएम बृजेश ताम्रकार, जिला सहायक नोडल अधिकारी दुर्गेशनंदिनी श्रीवास्तव(अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम), जिला लेखा प्रबंधक मिस श्वेता गुप्ता, कौशिक तथा अन्य स्वास्थ्य विभाग स्टाफ के उपस्थित में सिविल अस्पताल खैरागढ़ में किया गया।
शिविर में 123 लोगों का नि:शुक्ल जांच कर दवाई व चश्मे प्रदाय किया गया। 14मोतियाबिंद के मरीज भी चिन्हित किये गए, जिन्हें तत्काल स्थानीय राजदीप मेमोरियल हॉस्पिटल में नि:शुल्क लेंस प्रत्यारोपण हेतु शिफ्ट किया गया।
कार्यक्रम से प्रभावित होकर खैरागढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी लाल अशोक सिंह ने उपस्थित मरीजों को साथ लेकर नेत्रदान घोषणा पत्र भरते हुए तथा नेत्रदान महादान, नेत्रदान मरणोपरांत के नारे लगाते हुए।नेत्रदान जागरूकता हेतु संकल्प लिए।
इसी क्रम में मितानिन बीआरपी रूपवंतीन बघेल ने हाथ में दीप ज्योति व नेत्रदान से सम्बंधित पम्पलेट लेकर गांव-गांव में नेत्रदान जागरूकता हेतु संकल्पित हो अभियान शुरू की।
नेत्रदान हेतु सिविल अस्पताल खैरागढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुईखदान, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरकाम टोला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जालबांधा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साल्हेवारा सहित सीएचसी गंडई व जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में संपर्क कर सकते हैं।
सीएमएचओ ने जिले समस्त नागरिकों से नेत्रदान हेतु आगे आने की अपील की है। ताकि कार्निया के खराबी से नेत्रहीन हुए बंधुओ को भी इस सुंदर संसार को देखने और जीवन मे तरक्की का अवसर मिल सके।
नेत्रदान हेतु उम्र का कोई बंधन नही है। मरणोपरांत मृतक का रिश्तेदार भी गर चाहे तो मृतक का नेत्रदान करवा सकते है। यह प्रक्रिया दानदाता के मत्यु के 6 घण्टे के अंदर सम्पन्न हो जानी चाहिए।
जल में डूबकर, जहर सेवन, कैंसर, तथा एड्स, एचआईवी से मृत हुये व्यक्ति का नेत्रदान नहीं हो सकता। आइए हम सब संकल्प लें अंधत्व मुक्त भारत हो अपना।