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संगीत विवि का विखंडन राजा रानी के रूह को कष्ट देने वाला - राजकुमारी
02-Oct-2023 4:16 PM
संगीत विवि का विखंडन राजा रानी के रूह को कष्ट देने वाला - राजकुमारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 2 अक्टूबर। इंदिरा कला संगीत विवि खैरागढ़ का रायपुर में अध्ययन केंद्र खोले जाने का विरोध करते हुए आगे की रणनीति तैयार किया जा रहा है। संगीत विवि द्वारा रायपुर में खोले गए अध्ययन केंद्र को बंद करने के लिए चल रहे आंदोलन व जन आक्रोश के बीच छत्तीसगढ़ ने राज परिवार के सबसे वरिष्ठ एवं विश्व विद्यालय के संस्थापक सदस्य राजकुमारी उषा देवी सिंह से चर्चा की।

राजकुमारी उषा देवी संगीत विवि के निर्माण हेतु अपने महल को दान में देने वाले राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह की बड़ी पुत्री हैं। छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए  उषा देवी सिंह ने कहा कहां की विवि का केंद्र रायपुर में खोलना अति दुर्भाग्यपूर्ण है। शरीर कितना भी मजबूत और ताकतवर हो उसका कोई अंग कट जाए तो वह अपाहिज कहलाता है और जिंदगी भर इसका दंश को झेलता है।

खैरागढ़ का संगीत विवि खैरागढ़ का शरीर है इसका विखंडन किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए। राजकुमारी ने आगे कहा कि भारतवर्ष में अनेक बड़े-बड़े रियासत थे, लेकिन किसी ने संगीत और कला के लिए विवि खोलने का प्रयास व साहस नहीं किया। मेरे पापा ने नगर वासियों के हित को ध्यान में रखते हुए कि उन्हें अच्छी शिक्षा और यहां के लोगों को रोजगार मिले इस इस उद्देश्य से विवि निर्माण हेतु अपना महल तिनके की भांति दान में दे दिए। राजकुमारी जी ने रूंधे गले से कहा कि राज परिवार के सभी वरिष्ठ सदस्य एक-एक कर हमसे दूर हो गए मेरी भी आयु 88 वर्ष की हो चुकी है, आंख से दिखाई भी नहीं देती इसलिए मैं नगरवासियों के बीच नहीं पहुंच पा रही हूं, लेकिन जनता के मांग के साथ में खड़ी हुई हूं और विवि के विखंडन का पुरजोर विरोध करती हूं।

मेरा शासन प्रशासन से आग्रह है कि रायपुर में खोले गए अध्ययन केंद्र को शीघ्र बंद करने का आदेश प्रसारित करें।

‘छत्तीसगढ़’से उन्होंने कहा कि मैं देह त्यागने के पूर्व विवि का टुकड़ा होते हुए नहीं देखना चाहती, अगर ऐसा हुआ तो या मेरे और मेरे पूर्वजों के रूह को कष्ट देने वाला होगा। राजकुमारी उषा देवी ने ‘छत्तीसगढ़’ के माध्यम से सभी लोगों से आग्रह की है कि किसी भी प्रकार की राजनीति ना करते हुए राज परिवार के भावनाओं एवं नगर वासियों का सम्मान करते हुए रायपुर में खोले गए स्टडी सेंटर को शीघ्र बंद किया जाए यह मेरी एवं नगर की ओर से राज्य सरकार से आग्रह है।

खैरागढ़ अस्मिता के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं- अशोक सिंह

इंदिरा कला संगीत विवि खैरागढ़ के वर्तमान समय के हालात को लेकर हर नागरिक चिंता ग्रस्त हैं। इंदिरा कला संगीत विवि के द्वारा रायपुर में खोले गए स्टडी सेंटर को बंद करने सभी अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं। राज्य परिवार के वरिष्ठ सदस्य एवं कांग्रेसी नेता लाल अशोक सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए कहा कि खैरागढ़ नरेश राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी सिंह ने नगर तथा आसपास के क्षेत्र को संगीत की अच्छी शिक्षा मिले, संगीत का संरक्षण संपोषण हो और यहां के लोगों को जीवन यापन करने के लिए रोजगार मिले। इस उद्देश्य से राजकुमारी इंदिरा के स्मृति में संगीत विवि का निर्माण 14 अक्टूबर 1956 को किया गया था।

राज परिवार के लोग अत्यंत ही संगीत प्रेमी थे और अपनी जनता के हितों को सदैव ध्यान में रखते थे। इंदिरा कला संगीत विवि का एक और केंद्र रायपुर में स्टडी सेंटर के नाम से खोला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसका विरोध करते हैं। किसी भी कीमत पर विवि के विखंडन को और इसके अस्तित्व के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जावेगा। छत्तीसगढ़ शासन नगर वासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे शीघ्र बंद करने का आदेश प्रसारित करें यही हमारी मांग है। 

काली पट्टी लगाकर करेंगे काम

रायपुर में संगीत विवि का अध्ययन केंद्र खोले जाने के विरोध में नगरवासी विरोध के रूप में काली पट्टी लगाकर कार्य करेंगे वहीं इस आंदोलन से जुड़े लोग सोमवार को नगर वासी के तमाम व्यवसाईयों नागरिकों विद्यार्थी गण एवं गणमान्य नागरिकों से रूबरू होकर कुलपति के कुचक्र से जनता को अवगत कराया गया। हर वर्ग के पास जाकर बताया गया की कैसे रचा जा रहा है विवि के विखंडन का षड्यंत्र। 3 अक्टूबर मंगलवार को अंबेडकर चौक से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा तथा राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपा जाएगा।

 पूरे आंदोलन को ठेठ खैरागढिय़ा का नाम दिया गया है इसी के साथ जन आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा।

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