खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 6 अक्टूबर। वन विभाग द्वारा 2 से 8 अक्टूबर तक अलग-अलग रेंज में राष्ट्रीय वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह चलाया जा रहा है। इसी क्रम में 3 अक्टूबर को ग्राम ठाकुरटोला एवं पैलीमेटा रेंज के मगरकुंड में राष्ट्रीय वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह मनाया गया।
इस दौरान वन सुरक्षा में उत्कृष्ट सहभागिता देने वाले संयुक्त वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व सुरक्षा श्रमिकों को उपलब्धिपूर्ण योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। साथ ही वन्य प्राणी एवं वन की सुरक्षा में सहयोग करने अपील किया गया। वहीं वन की महत्व को झंकार लोक कलामंच के नुक्कड़ नाटक व गीत-संगीत के माध्यम से वन व वन्य प्राणी संरक्षण जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते रेंजर सलीम मोहम्मद कुरैशी ने बताया कि किस प्रकार हर जीव की उपस्थिति अनिवार्य है। वन्य जीवों का संरक्षण क्यों जरूरी है? मानव जीवन में जंगल की क्या अहमियत है। जल, जंगल और जमीन किस प्रकार सभी के लिए बहुउपयोगी है। उन्होंने अपील करते कहा कि वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण में आमजन की सहभागिता होनी चाहिए। वन विभाग वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सतत कार्यरत है।
जिला पंचायत सदस्य ममता राजेश पाल ने कहा कि हम सबका मूल घर जंगल ही है। इंसान पहले जंगल में ही निवासरत थे। वहां के सामानों का उपयोग कर अपना जीवन जीते थे, पर जैसे-जैसे आधुनिकता आई है, हमने जंगल और जंगली जीव को भूला दिया है। कार्यक्रम के दौरान गंडई परिक्षेत्र के समस्त स्टाफ, ग्राम के पटेल, जैव विविधता समिति, वनाधिकार समिति, संयुक्त वन प्रबंधन समिति मगरकुंड, जंगलपुर, लमरा, परसाटोला के अध्यक्ष, सदस्यगण एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।