बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 अक्टूबर। राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन वापसी की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठीं पार्षद नीतू कोठारी की तबीयत बिगडऩे पर बुधवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।
अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार पार्षद नीतू का बीपी व शुगर लेवल लो होने लगा था। तबीयत ज्यादा ना बिगड़े, इसलिए इसकी सूचना बेमेतरा एसडीम सुरुचि सिंह को दी गई। इसके बाद एसडीम बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे राम मंदिर प्रांगण धरना स्थल पहुंचीं, जहां एसडीएम ने पार्षद नीतू को जल्द जांच रिपोर्ट आने और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पार्षद नीतू अस्पताल जाने को तैयार हुई।
48 घंटे रखा जाएगा डॉक्टरों की निगरानी में
सिविल सर्जन डॉ. संतराम चुरेन्द्र के अनुसार तबीयत बिगडऩे पर पार्षद नीतू को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया है। फिलहाल इलाज के बाद उनकी स्थिति सामान्य है। डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी है। 48 घंटे उन्हें अस्पताल में विभागीय टीम की निगरानी में रखा जाएगा। तबियत ठीक होने के बाद ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।
जांच दल के सदस्य को हटाने विधायक ने कलेक्टर को लिखा पत्र
बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा इस प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं। उनके पत्र के आधार पर बेमेतरा कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा ने तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया था। इस जांच दल में तत्कालीन तहसीलदार आशुतोष गुप्ता को भी शामिल किया गया, जिस पर गलत तरीके से मंदिर की जमीन के अंतरण करने के आरोप लग रहे हैं। आशुतोष गुप्ता को जांच दल में शामिल करने पर आपत्ति दर्ज कराई गई। इसके बाद विधायक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच दल में शामिल तत्कालीन तहसीलदार को हटाने की मांग की है, ताकि जांच प्रभावित न हो।
जांच रिपोर्ट का इंतजार, जमीन वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन
विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष आदित्य राजपूत के अनुसार मंदिर की जमीन वापसी को लेकर आंदोलन जारी है। अब जांच प्रतिवेदन का इंतजार है। जमीन वापसी की मांग पूरा नहीं होने की स्थिति में यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। इस मांग को लेकर सभी हिंदू संगठनों का पूरा समर्थन मिल रहा है।
दो लोगों ने सहारा देकर एंबुलेंस में बैठाया, कलेक्टर ने दिया आश्वासन
गौरतलब हो कि पार्षद नीतू ट्रस्ट की जमीन वापसी की मांग को लेकर 3 अक्टूबर से राम मंदिर प्रांगण में आमरण अनशन पर बैठी हुई थीं। आमरण अनशन के सातवें दिन से नीतू की तबीयत बिगडऩे लगी। काफी समझाइश के बावजूद नीतू अनशन खत्म करने को तैयार नहीं हुई। आठवें दिन तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर एसडीएम फिर से राम मंदिर प्रांगण पहुंचीं। उन्होंने पार्षद नीतू को आश्वासन दिया और मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर आई। नीतू की तबीयत बिगडऩे पर उसे दो लोग सहारा देकर एंबुलेंस से लेकर पहुंचे।
जानिए.... क्या है मामला
वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि के अंतरण का मामला उजागर होने के बाद हडक़ंप मच गया। जमीन वापसी की मांग को लेकर हिंदू संगठन व भाजपा के नेताओं का प्रदर्शन जारी। हिंदू संगठनों के अनुसार मंदिर ट्रस्ट की भूमिका में अंतरण संभव नहीं है, बावजूद दबाव डालकर जमीन का अंतरण कराया गया। इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर ने अंतरण के प्रकरण को खारिज कर दिया था। बावजूद तत्कालीन एसडीएम ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जमीन का अंतरण कराया। अब इसमें जिम्मेदारों पर कार्रवाई व जमीन वापसी की मांग की जा रही है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुरुचि सिंह ने कहा कि प्रकरण की जांच जारी है। जल्द ही प्रतिवेदन मिल जाएगा। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। तबीयत बिगडऩे पर पार्षद नीतू को अनशन से उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।