बेमेतरा

3 चुनावों में नोटा, निर्दलीय व अन्य दलों के कारण बिगड़े चुनावी समीकरण
23-Oct-2023 2:48 PM
3 चुनावों में नोटा, निर्दलीय व अन्य दलों के कारण बिगड़े चुनावी समीकरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 23 अक्टूबर। चुनाव मैदान में दावेदारों की संख्या पूर्व में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बेमेतरा विधानसभा के लिए निर्णायक साबित हुई। विधानसभा निर्वाचन 2008, 2013 व 2018 के दौरान मैदान में प्रत्याशियों की संख्या का कम-ज्यादा होने से मत विभाजन से हार-जीत की वजह बनी।

 साजा विधानसभा में भी मतों के बंटवारे के कारण हार-जीत का फैसला हुआ।

ज्ञात हो कि बेमेतरा विधानसभा के लिए हुए निर्वाचन के दौरान बीते तीन चुनाव में 45 दावेदारों ने किस्मत आजमाई। विधानसभा चुनाव 2008 में 12, 2013 में 19 व 2018 में 15 दावेदार व नोटा मैदान में थे। प्रत्येक चुनाव में अलग-अलग दल के उम्मीदवारों को जनता ने चुना है।

2018 में अंतर 15 फीसदी से अधिक, कारण वोट कटना

बेमेतरा विधानसभा में 2018 के लिए हुए निर्वाचन के दौरान कांग्रेस को 43.35, भाजपा को 28.81 और जोगी कांग्रेस को 16.40 फीसदी मत प्राप्त हुए। इस बार कम दावेदार थे पर वोट काट कर जीत-हार के बीच खाई पैदा करने वाले साबित हुए। इस सूची में अन्य 14 दावेदार भी थे, जिसमें नोटा भी शामिल था, उनके बीच 3.4 फीसदी मत बंटे।

गत चुनाव में साजा में भी हो चुका है ऐसा ही

 गत चुनाव में साजा विधानसभा में 15 दावेदार व नेाटा भी था। तब कांग्रेस को 62 फीसदी और भाजपा को 34.60 फीसदी मत मिले। यहां पर 5840 मत नोटा के लिए डाले गए और चौथी स्थान पर रहा। तीसरे स्थान पर जोगी कांग्रेस के दावेदार थे, जिसे 6206 मत प्राप्त हुए। इस दल को 3.35 फीसदी और नोटा में 3.35 फीसदी मत डाले गए थे। वहीं एक निर्दलीय दावेदार को भी 57 सौ मत प्राप्त हुए थे।

 साजा विधानसभा में 2013 मे कांग्रेस व भाजपा के बीच मतों का अंतर 5.82 फीसदी का था। भाजपा को कांग्रेस की तुलना में 5.82 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। इस अंतर के पीछे का कारण नोटा में डाले गए मतों की संख्या को भी कहा गया था, जिसमें कुल मतदान के करीब 2.74 फीसदी मतदाताओं ने प्रयोग किया था। वहीं 4.29 फीसदी मतों का विभाजन हुआ था।

यानी हार-जीत में नोटा व अन्य दावेदारों के मध्य हुआ मत विभाजन महत्वपूर्ण रहा।

 गत तीन चुनाव की स्थिति को देखा जाए तो मैदान में अधिक दावेदारों का होना परिणाम बदलने वाला साबित हुआ है।

बेमेतरा मे रिकॉर्ड 17 दावेदार थे

 2013 में हुए निर्वाचन में सर्वाधिक 17 दावेदार मैदान में थे। वहीं नोटा का विकल्प भी पहली बार सामने आया था। 2008 के दैारान कांग्रेस को कुल मतदान का 46.58 फीसदी मत मिला। वहीं भाजपा को 41.30 प्रतिशत मत मिले। दोनों प्रमुख दलों के बीच हार-जीत का अंतर 5.28 प्रतिशत का था।

 अन्य 10 दावेदारों के मध्य 12.12 फीसदी मतों का विभाजन हुआ, जिसका लाभ कांग्रेस केा मिला था। 2013 के दौरान मैदान में 17 दावेदार थे। वहीं नोटा को भी चुनने का विकल्प मिला था।

यानी मतों का विभाजन 18 हिस्से में हुआ। चुनाव में भाजपा को 47.25 फीसदी मत मिले, वहीं कांग्रेस के हिस्से मे 37.62 प्रतिशत वोट मिले। नोटा को 3.65 फीसदी लोगों ने प्रयोग किया। इनके अलावा 11.46 प्रतिशत मत अन्य दावेदारों के हिस्से में आए।

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