दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 6 नवंबर। दंतेवाड़ा विधानसभा चुनाव के लिए 7 मतदान केंद्रों को विस्थापित किया गया है। जिससे सुरक्षित मतदान संभव हो सके।
उक्त मतदान केदो में हांदावाडा को चेरपाल क्रमांक एक,हितावाड़ा को चेरपाल क्रमांक दो, बड़े गादम को बालक आश्रम गुडसे, कौरगांव को पाहुरनार पुरंगेल को गुमियापाल क्रमांक एक,अलनार को गुमियापाल क्रमांक 2 और अतिसंवेदनशील मुलेर मतदान केंद्र को ककाड़ी में विस्थापित किया गया है। मुलेर दंतेवाड़ा और सुकमा की सीमा पर स्थित है जो महादी ग्राम पंचायत का आश्रित गांव है।
इस विषय में पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने जानकारी में बताया कि विगत 2018 के विधानसभा चुनाव में विस्थापित मतदान केंद्रो की संख्या 21 थी। बेहतर पुलिसिंग से विस्थापित मतदान केंद्रों की संख्या में कमी आई। इसके साथ ही नवीन पुलिस कैंपों की स्थापना से भी पुलिस का पलड़ा भारी हुआ है। इसके फलस्वरुप जनता का पुलिस पर विश्वास गहरा हुआ है। पुलिस का नेटवर्क पूर्व की तुलना में बेहतर है। जिससे नक्सली वारदातों में कमी आई। उन्होंने विश्वास जताया कि जिले में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान दर में बढ़ोतरी होगी।
चुनाव बहिष्कार के प्रमाण नहीं
पुलिस अधीक्षक नें जानकारी में बताया कि जिले में जिले में नक्सलियों द्वारा विधानसभा चुनाव बहिष्कार के नक्सली बैनर पोस्टर और पर्चे बरामद नहीं हुए हैं। सीमावर्ती जिलों में नक्सलियों द्वारा चुनाव बहिष्कार के बैनर और पोस्टर बरामद किए गए थे। इसके बावजूद पुलिस पूर्ण रूप से सतर्क है। किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मतदाता निर्भीक होकर मतदान करें।
मतदाताओं में खामोशी
इधर जिले के मतदाता विधानसभा चुनाव में वोट डालने के लिए तैयार हैं। मतदाताओं द्वारा अपने पसंद के सियासी दल को वोट देने की मानसिकता बनाई जा चुकी है। लेकिन मतदाता अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। मतदान के दिन मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देगा। इस तरह से मतदान के उपरांत राजनीतिक पार्टियों द्वारा आंकलन किया जा सकेगा ।
ग्रामीण मतदाता खेतों में
ज्ञात हो किं धान की कटाई का कार्य तेजी से जारी है खेतों से कटा हुआ धान कोठार में पहुंच रहा है। किसान कटे हुए धान की मिंजाईं की तैयारी कर रहे हैं। इसके बावजूद किसान वोट डालने के लिए तत्पर हैं। लोकतंत्र के लिए इसे अच्छा रुझान कहा जा सकता है।