बलौदा बाजार

सेहत से खिलवाड़, खाद्य सामग्रियों की नियमित जांच नहीं
11-Nov-2023 2:40 PM
सेहत से खिलवाड़, खाद्य सामग्रियों की नियमित जांच नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 11 नवंबर। जिला मुख्यालय बलौदाबाजार में बिक रही खाद्य सामग्रियों की नियमित जांच नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारियों द्वारा ध्यान न दिए जाने की वजह से खुलेआम अमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही है। होटलों में बासी खाना भरोसा जा रहा है, मिठाइयां भी अमानक हैं।

 त्यौहारी सीजन में यह खतरा और अधिक बढ़ गया है। नकली खोवे और अमानक खाद्य पदार्थों की खुलकर बिक्री होने की आशंका है, वहीं थोक में चल रहे स्ट्रीट फूड भी बगैर किसी जांच के खुलेआम बिक रहे हैं।

फूड एंड सैंपलिंग डिपार्टमेंट के मूल कार्यों में एक अमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री को रोकना हैै, ताकि लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल सके। पर इनके द्वारा कभी नियमित जांच की जाती है, इसका परिणाम है कि बलौदाबाजार में अमानक पदार्थ की बिक्री होने की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।

2 दिन पुराने तेल में 2 दिन पुराने खाने को कर रहे गरम

शिकायत है कि नगर के मुख्य मार्ग तथा चौक चौराहों में बिक रहे स्ट्रीट फूड और होटल में कई कई दिन पुराने तेल, दो-दो दिन पुराने पके शाकाहारी मांसाहारी सामग्रियों को फिर से तल कर तैयार करने के अलावा बासी फल सब्जियां और औसतन कमजोर खाद सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है। इसकी और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन स्टॉल के सबसे बड़े ग्राहक बच्चे और युवा वर्ग हैं। इन्हें न तो मानक अमानक के बारे में ज्यादा जानकारी है और न ही इसकी वे पड़ताल करते हैं। लिहाजा स्वाद के शौकीन खुद भी अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

काजू कतली में काजू गायब, इसकी जगह मूंगफलियों का इस्तेमाल

दीपावली में मिठाइयों की डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि मावा पनीर ढूंढने से नहीं मिलते। इलाके में मिलावट का यह आलम है कि नकली मावा बनाने के लिए पहले शुद्ध दूध और क्रीम निकाल ली जाती है। दुकानों पर तेल में पाम ऑयल मिलकर बेचा जाता है। डालडा में सेंट मिलाकर देशी घी के नाम से नकली घी खपाई जा रही है। डब्बा पैक नकली घी धड़ल्ले से बिक रहा है। इसी प्रकार काजू कतली में काजू की बजाय मूंगफली, खुशबू वाली मिठाइयों में दोयम दर्ज का सेंट, बेसन वाली मिठाइयों में चना दाल की बजाय तींवरा , खोवे की मिठाइयों में नकली खोए का बड़ी मात्रा में उपयोग और अधिकांश होटल रेस्टोरेंट संचालकों द्वारा दोयम दर्ज के खाद तेल का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।  ये सीधे लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है।

नगर में व्याप्त चर्चा के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा सैंपलिंग के दौरान की गई कार्रवाई बाद में सुलह और औपचारिक पेनल्टी पर जाकर खत्म हो जाती है।

मिलावटी खाद्य सामग्री जहर है -डॉ. अवस्थी

सिविल सर्जन डॉ. राजेश अवस्थी का कहना है कि अमानक या मिलावटी खाद सामग्री से अपच पाचन तंत्र में असर के साथ ही साथ फूड प्वाइजनिंग होने का अंदेशा रहता है। मिलावटी दूध पनीर खोवा और अन्य सामग्रियों में यूरिया बहुत ज्यादा मात्रा में होती है। अधिक समय तक मिलावटी खाद्य सामग्री के उपयोग से किडनी और लीवर के फेल होने का खतरा भी बना रहता है।

 खाद्य निरीक्षक उमेश वर्मा का कहना है कि विभागीय टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। गत 11 अक्टूबर को शहर की 16 दुकानों से 57 सैंपल लिए गए हैं। अब तक की जांच में 6 सैंपल अमानक मिले हैं। विभाग द्वारा सभी फूड स्टॉलों और होटल की नियमित जांच संभव नहीं है। रेडमली जांच की जाती है। शहर में संचालित होटल और स्ट्रीट फूड की लिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध है।

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