बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 22 नवंबर। शहर के मोहभट्ठा तालाब में आज से ठीक चार साल पहले सडक़ किनारे तालाब में वाहन पलट जाने से एक दिव्यांग व एक बालक समेत एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हुई थी। हादसे के बाद आज तक पीडि़त परिवार को आपदा प्रबंधन के तहत निर्धारित आर्थिक राशि 28 लाख रुपए नहीं मिले हैं। परिजनों की मानें तो उन्हें घटना स्थल बेमेतरा होने के कारण नवागढ़ ऑफिस से लौटा दिया जाता है। वहीं तहसील नवागढ़ होनेे के नाम पर बेमेतरा तहसील कार्यालय से नवागढ़ तहसील कार्यालय की ओर जाने का रास्ता दिखा दिया जाता है।
जानकारी हो कि 21 नवबंर 2019 की रात 8 बजे के करीब शहर के वार्ड नबंर 6 मोहभट्ठा के सडक़ किनारे अनियत्रित होकर कार के पलटकर पानी में डूबनेे से नवागढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम देवरी के टंडन परिवार के 7 सदस्य संतरा बाई टंडन, सत्या बाई, आशा, आसकरण टंडन, विनिता, आशा, निखिल व चार माह के बालक रूहान व वाहन चालक आसकरण दिवाकर ग्राम गुना जिला मुगेंली निवासी की मौत हो गई थी।
मृतक परिवार के सदस्यों को 25 -25 हजार की राशि दिए जाने की घोषणा के बाद तत्काल जारी की गई थी। एक लाख 75 हजार की सहायता राशि जारी किए जाने के बाद आज तक पीडि़त परिवार को राजस्व परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदा से पीडि़त को दी जाने वाली सहायता राशि जारी नहीं की गई। गणेश टंडन के पुत्र निलेश टंडन ने बताया कि उनके पिता नवागढ़ तहसील कार्यालय में आवेदन लेकर गए थे, जिन्हें बेमेतरा जाने की बात कह कर लौटा दिया गया। बेमेतरा जाते हैं तो नवागढ़ जाने कह देते हैं। इसी कारण गणेश टंडन अभी तक आवेदन तक नहीं दे पाए।
जानें.. राजस्व पुस्तक प्रपत्र 6-4 में क्या प्रावधान है
राजस्व आपंदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय द्वारा 9 जून 2015 को जारी किए आदेश में प्राकृतिक आपदा, नौसर्गिक विपत्ती, गड्ढे में गिरने, नदी, तालाब, बांध, कुआं व नाला में गिरने व अन्य कारण से मृत्यु हो जाने पर मृत व्यक्ति के परिवार के निकटतम व्यक्ति व वारिस को 4 लाख रुपए की सहायता एसडीएम, तहसीलदार व नायाब तहसीलदार को जारी करना है।
इतना बुरा दिन किसी को भी न दिखाए भगवान - गणेश
हादसे के बाद गणेश टंडन के परिवार के 10 सदस्यों में से कार में सवार सभी 7 सदस्यों की मौत हुई थी। वहीं परिवार में गणेश, गणेश की मां गुलापा और उसका बेटा निलेश रह गए हैं। गणेश टंडन ने बताया कि आज भी घटना को याद कर वे सीहर उठते हैं। गणेश ने कहा कि भगवान किसी को इतना बुरा दिन न दिखाए। हादसे के बाद सहानुभूति व्यक्त करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों ने आज तक पलटकर उनकी सुध तक नहीं ली है।
सर्पाकार सडक़ पर आज भी नहीं किए गए सुरक्षा के उपाय
शहर के मोहभट्ठा वार्ड के जिस तालाब में हादसा हुआ था, वहां पर भी सुरक्षा का अभाव है। मौके पर दोनों तरफ डिवाइडर बनाने, तालाब की तरफ टोहवाल बनाकर सुरक्षित करने, सडक़ के पहले चौड़ीकरण व रात में सडक़ पर रौशनी करने के निर्देश तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने दिए थे। आज चार साल बाद भी मौके पर सुरक्षा व बचाव के लिए किए गए कुछ एक उपायों को छोडक़र दीगर प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। बताना होगा कि तालाब के पास करीब 100 मीटर पहले मोड़ है। तालाब किनारे दो मोड़ व अंत में एक मोड़ है। बेमेतरा की तरफ से आने वाले चार पहिया व दो पहिया वाहन चालकों को तालाब होने की जानकारी के लिए बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। हालत ये है कि सडक़ से दो कदम बाहर होने पर तालाब मेें घुसने का खतरा दिन रात बना रहता है।
परिवार घर तक ठीक नहीं करवा पा रहा
घर का बाहरी हिस्सा देखने के बाद परिवार की माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिजन घर की मरम्मत तक नहीं करवा पा रहे हैं। एक साथ परिवार के 7 लोगों की मौत के सदमे से परिवार के लोग उबर नहीं पाए हैं। परिवार का फोटो दिखाकर गणेश व निलेश की आंखें आज भी नम हो जाती हैं। बहरहाल आज भी पीडि़त परिवार प्रशासन सें उम्मीद लगाए हुए है।
कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा कि मोहभट्ठा मामले की जानकारी मंगाई गई है, जिसके बाद आगे की प्रकिया तय की जाएगी।