बेमेतरा

गन्नों का मंडप सजा तुलसी विवाह मांगलिक कार्यों की शुरुआत
24-Nov-2023 2:30 PM
गन्नों का मंडप सजा तुलसी विवाह मांगलिक कार्यों की शुरुआत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 24 नवंबर।
देवप्रबोधनी एकादशी पर गुरुवार को तुलसी विवाह का त्यौहार मनाया गया। घरों में गन्नों का मंडप सजाया गया। इसके बाद शुभ मुहूर्त में तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया गया। पर्व के दौरान रात में लोगों के घर जगमग रहे। दीयों और आकर्षक लाइटिंग की रोशनी दिखाई दी। पौराणिक मान्यता के अनुसार चातुर्मास का भी समापन हो गया। भगवान विष्णु चार महीने की नींद के बाद गुरुवार को जागृत होते हैं इसलिए इस पर्व को देवउठनी भी कहते हैं। इस दिन के बाद से मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृहप्रवेश आदि की शुरुआत हो जाती है।

बता दें कि बाजार में गुरुवार की सुबह से अच्छी खास भीड़ रही। लोग उत्साह से पर्व मनाने खरीदारी करने बाजार पहुंचे। लोगों ने गन्नों के अलावा फल, फूल, पटाखे, पूजन सामग्री सहित अन्य सामान खरीदे, जिससे कारोबारी में खुशी दिखाई दी। बहरहाल नगर के सदर बाजार, मुख्य बाजार, पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड, दुर्ग व रायपुर रोड के कारेाबारी संस्थानों मे अपेक्षा के अनुरूप कम कामकाज होने की जानकारी सामने आई। वहीं विप्रजनों व पंडितों के अनुसार पांच माह से लंबित वैवाहिक कार्यक्रम की अब शुरुआत होगी।

घरों में तुलसी विवाह को लेकर लोगों में उत्साह 

गुरुवार को तुलसी विवाह देउठनी एकादशी को लेकर लोगों में काफी उत्साह सुबह से नजर आया। अंचल में लोग छोटी दीपावली मानने को लेकर जुटे रहे और गुरुवार की सुबह से शहर में गन्ना सिंघाड़े, जाम, चना भाजी, बेर, कन्द, आंवला, कमल, फ ल-फूलों की बिक्री हुई। विनय शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से हुआ था। इस कारण इस एकादशी का नाम तुलसी विवाह पड़ा। वहीं दूसरी ओर भगवान विष्णु जी ने अपनी शैय्या त्यागी, इस कारण देवउठनी एकादशी नाम पड़ा। घरों में महिलाएं तुलसी चौरे की विशेष साज-सज्जा कर गन्ने का मंडप सजाती हैं। घर के बाहर रंगोली पूरने की परंपरा है।

तुलसी विवाह संपन्न, अब बैंड, बाजा और बारात की होगी शुरुआत 

देवउठनी एकादशी में सायंकाल के समय परिवार समेत लोगों ने विवाह संपन्न कराया, जिसके बाद अब शुभ मुहूर्त में वैवाहिक कार्यक्रम सपंन्न हुआ। तुलसी देवी के चौरे पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी ओढ़ाई गई।

गमले में शालिग्राम को भी रखा गया। लोगों ने विधि-विधान से पूजा की और भगवान विष्णु की भी आरती की। विवाह की तरह हल्दी लगाई गई और देव से उठने का आह्वान किया गया। विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक भी पढ़ा गया। लोगों ने देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुओं को खाना आरंभ किया। भाजी, बेर और आंवला पूजन में चढ़ाया व कपूर से आरती कर आशीर्वाद लिया। लोगों ने 11 बार तुलसी की परिक्रमा लगाई। शुक्रवार को विर्सजन किया जाएगा।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news