बलौदा बाजार
जीएनए कॉलेज का आयोजन, सीआरपीएफ और सीएएफ के जवानों ने लिया हिस्सा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 नवंबर। विधानसभा चुनाव 2023 को शांतिपूर्ण व सुरक्षित रूप से संपन्न करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की अनेक बटालियन छत्तीसगढ़ के जिलों में तैनात की गई है। शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न करने के लिए सीएस की बटालियन क्रमांक 306 552 ई और 308 552 डी को रांची से बुलवाया गया था।जिसके ठहरने की व्यवस्था स्थानी गजानंद अग्रवाल स्नाकोत्तर महाविद्यालय में की गई थी।
बटालियन के जवानों को उदासी और यांत्रिक दिनचर्या से उबरने में सहायता करने के उद्देश्य से महाविद्यालय की वाणिज्य परिसर की ओर से तनाव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन का स्पोर्ट्स हाल में किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पूर्णिमा साहू के मार्गदर्शन और वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष अशोक वर्मा की नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन दो सत्रों में किया गया।
दूसरे सत्र के प्रारंभ में अपने उद्बोधन में प्राचार्य ने छत्तीसगढ़ की धारा का जवानो अभिनंदन किया और तनाव प्रबंधन में योग और ध्यान की भूमिका के बारे में अनेक अपने अनुभव साझा किया। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वाणिज्य विभाग के सहायक प्राध्यापक मनीष कुमार सरवैया ने मंच संभाला उन्होंने डॉ. सुभाष पत्री से ध्यान सीखा है, जिन्होंने पूरे विश्व से पिरामिड ध्यान और शाकाहार का प्रचार प्रसार करने के लिए पिरामिड स्पिरिचुअल सोसाइटीज मूवमेंट की स्थापना की थी।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्राचार्य मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान थी बटालियन के इंस्पेक्टर आरके सिंह उपस्थित थे। इसके अलावा डॉ. शशी किरण कुजूर डॉक्टर सुमित पंत दीपक कुमार यादव सहित अनेक प्राध्यापक साथ उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में गुप्तेश्वर साहू रोशन अग्रवाल विकास ठाकुर उमेश कोमल मानिकपुरी और सुब्बू दास का सक्रिय योगदान रहा।
डिजिटल क्रांति से विचारों का प्रदूषण बड़ा
सरवैया छत्तीसगढ़ पिरामिड इस स्पिरिचुअल समिति मैन्युअल में ध्यान प्रशिक्षित है। उन्होंने दैनिक जीवन के कुछ उदाहरणों से बताया कि मानव किस तरह विभिन्न परिस्थितियों में क्रिया प्रतिक्रिया करके मानसिक और भावनात्मक उलझन में फंस जाता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति से विचारों के प्रदूषण की गति बढ़ गई है। जिसने मानव के विचारों एवं भावनाओं को दूषित कर गहरी तक प्रभावित कर दिया है जिससे मनुष्य में धैर्य और सहनशीलता काम हो गई है और वह तत्काल प्रतिक्रिया करने लगता है इससे न केवल पारिवारिक बल्कि सामाजिक और पेशेवर क्षेत्र में भी लोगों के आपसी कलह होने से तनाव चिंता उदासी की लहरे बढ़ गई है तकनीकी के शिकार युग में हमें भौतिक सुख सुविधाएं तो बहुत सी प्राप्त हो रही है लेकिन हमारी मानसिक और भावनात्मक शांति लगभग लुप्त हो गई है।
मन को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान जरूरी
हम अपने दिनचर्या में एक ऐसी प्रक्रिया को अपनाएं जिससे मन और भावनाओं को संभाल सके। इस समस्या का समाधान हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षों पहले से ही सोचा था। जिससे हम योग ध्यान के रूप में जानते हैं। अत: मन की देखभाल और सफाई करने के लिए प्रतिदिन ध्यान करना लाभकारी होता है। कार्यक्रम का पहला सत्र सुबह 10 बजे और दूसरा सत्र 4 बजे अलग-अलग टीम के लिए आयोजित किया गया था। जिसमें कुल 150 जवानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में रमाबेन सरवैया मुख्य अतिथि के रूप में इंस्पेक्टर बी सी आर भगत उपस्थित थे।