बलौदा बाजार

चार दिनों से बारिश, नदी-नाले उफान पर
26-Jul-2024 4:48 PM
चार दिनों से बारिश, नदी-नाले उफान पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 जुलाई।
जिले में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश ने सूखे के आसार ही खत्म नहीं किया बल्कि नदी नालों में भी उफान ला दिया है। 
इस मानसून सत्र के 36 दिन में यहां 309.4 मिलीमीटर कुल बारिश हुई थी, वहीं बीते चार दिनों में ही 131.4 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। हालांकि अभी भी जितनी बारिश हुई है, वह औसत वर्षा से 8.4 मिलीमीटर काम है, लेकिन मौसम विभाग ने जिलेभर में माध्यम से तेज बारिश की संभावना बताई जा रही है। जिससे यह कभी भी एक दो दिनों में पूरी हो जाएगी।  

अब केवल 1.9 फ़ीसदी बारिश की ही कमी रह गई 
जिले में चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से कोटा लगभग पूरा हो गया है। अब केवल 1.9 फ़ीसदी की कमी रह गई है, 21 जुलाई तक बारिश का कोटा औसत से 17.01 फ़ीसदी कम था, चार दिनों में हुई बारिश के बाद यह 1.9 फ़ीसदी रह गई 1 जून से अब तक 440.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है और जो औसत के कोटे से सिर्फ 1.9 प्रतिशत कम है। पिछले 10 साल की औसत वर्षा देखे तो 25 जुलाई तक जिले में 449.2 मिलीमीटर बारिश हो जाती थी।

जिले में लगातार बारिश से नदी नालियों उफान पर है। जिले के शिवनाथ नदी सेमराया घाट में पुल से लगभग 05 फीट ऊपर पानी बह रहा है। वहीं गिद्धपुरी थाना अंतर्गत स्थित अमेठी घाट गिधौरी शिवरीनारायण रोड पर स्थित महानदी पुल बिलासपुर जाने वाला सिलवा घाट उफान पर है, जहां सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। अमलडीहा घाट में नदी का पानी पुल तक पहुंचा है।

बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी 
मौसम विशेषज्ञ डॉ. एमपी थॉमस ने बताया कि ओडिशा के ऊपर स्थित कम दबाव का क्षेत्र चल चलते हुए 24 घंटे के भीतर छत्तीसगढ़ पार करते हुए मध्य प्रदेश में प्रवेश कर चुका है। अभी भी कम दबाव के क्षेत्र के रूप में विद्यमान यह मौसम प्रणाली पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर स्थित है, वहीं मानसून द्रोणिका भी प्रदेश से गुजर रही है। कम दबाव के क्षेत्र द्रोणिका के असर से बंगाल की खाड़ी से बड़ी मात्रा में नमी आ रही है। इसके असर से बारिश हो रही है।

नदी-नालों के किनारे पुलिस बल तैनात 
इस मामले में एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के चलते जिले के नदी-नाले उफान पर हैं। सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। लोगों से अपील है कि सावधानी बरतें।

खेती किसानी अब आगे बढ़ी 
बारिश के बाद रोपाई कार्य में तेजी आई है। किसान के खेतों में भी लबालब पानी भर गया है। कई किसान पानी निकासी की व्यवस्था करते भी नजर आए। धान की फसल के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है। बारिश से किसानों ने भी राहत की सांस ली है।

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