बलौदा बाजार
गांधी स्मृति स्थल फाइलों में सिमटी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 नवंबर। 26 नवंबर 1933 का दिन क्षेत्रवासियों के स्मृति पटल पर आज भी अंकित है। इस विशेष तिथि को ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन बलौदाबाजार के पुराने कृषि उपज मंडी प्रांगण में हुआ था। यहां पहुंचकर महात्मा गांधी ने छुआछूत एवं भेदभाव को दूर करने का व्यापक संदेश देने प्रांगण स्थित कुएं से दलित युवक के हाथों पानी निकलवा कर पिया था।
पूर्व वर्ष में महात्मा गांधी स्मृति स्थल को संजोने की कोशिश प्रारंभ हुई, जिससे आमजनों के मध्य इस धरोहर के जीर्णोद्धार की उम्मीद जागृत हुई थी, परंतु 3 वर्षों में राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छा शक्ति के कमजोर होने की वजह से अब यह स्थल लोगों के निस्तारी का ठिकाना बना हुआ है। जिससे गांधीवाद और दर्शन को मानने वालों में निराशा व्याप्त है। यही स्थिति प्रांगण में 15 अगस्त 1947 की निर्मित जयस्तंभ की भी है।
गौरतलब है कि क्षेत्र वासियों के लिए इस ऐतिहासिक धरोहर को आज से 90 वर्ष पूर्व बापू का आगमन हुआ था। छत्तीसगढ़ के इतिहास के अनुसार 1933 में बापू तिलक व स्वराज कोष कैसे सिलसिले में छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। 22 से 28 नवंबर तक छत्तीसगढ़ के अपने दौरे में वे 26 नवंबर 1933 को सारागांव, खरोरा, कनकी, पलारी होते हुए बलौदाबाजार पहुंचे।
चंूकि इस दौरान बलौदाबाजार का एकमात्र मुख्य सभा स्थल कृषि उपज मंडी प्रांगण हुआ करता था अत: मंडी प्रांगण पहुंचकर बापू ने लोगों को अस्पृश्यता के खिलाफ संदेश देने हेतु प्रांगण स्थित कुएं से दलित युवक के हाथों जल निकलवा कर ग्रहण किया था।
वर्तमान में पुराना मंडी परिसर में जर्जर और उपेक्षित पड़ा हुआ है। इसके अलावा बापू ने कृषि उपज मंडी के कार्यक्रम के पश्चात पुरानी बस्ती स्थित प्राचीन मावली मंदिर तथा तत्कालीन जगन्नाथ मंदिर वर्तमान में गोपाल मंदिर पहुंच दलितों के साथ मंदिर में प्रवेश कर पूजा अर्चना भी किया था। जो आज भी लोगों के जेहन में हैं।
विशेष पुलिस महानिदेशक ने भी किया था ऐतिहासिक कुआं का अवलोकन
10 दिसंबर 2020 को गांधी दर्शन के विशेष प्रभावित तत्कालीन विशेष पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ आर.के. विज ने नगर के संक्षिप्त प्रवास के दौरान पुराने कृषि उपज मंडी परिसर स्थित प्राचीन एवं ऐतिहासिक कुआं तथा गोपाल मंदिर का अवलोकन कर इतिहास से जुड़े घटनाक्रम की जानकारी लिया था। उन्होंने महात्मा गांधी के इस प्रवास के साक्षी रहे महात्मा गांधी रोड स्थित स्व.भगवती प्रसाद गुप्ता 96 वर्ष के निवास पहुंचकर आवश्यक चर्चा भी की थी।
पूर्व कलेक्टर ने गांधी स्मृति स्थलों को सुरक्षित करने बनाई थी योजना
महात्मा गांधी से जुड़े इससे कुएं की महानता से अवगत होने के पश्चात 2 फरवरी 2022 तत्कालीन कलेक्टर डोमन सिंह ने गांधी जी के यात्रा स्मृति स्थलों का निरीक्षण किया था। जिसके पश्चात उन्होंने महात्मा गांधी की स्मृति को संजीव बनाये रखने के लिए पूरे स्थल को धरोहर के रूप में विकसित करने का निर्णय लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए सप्ताह भर में विस्तृत कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने कहा था।
इन कार्यों में उद्यान एवं पुरातत्व हेतु संग्रहालय बनाने उद्यान के बीचों बीच महात्मा गांधी की मूर्ति स्थापना, कुएं की सफाई, जालीदार लोहे के ग्रिल से ढकवाने एवं सूचना बोर्ड लगाना शामिल था। उनके जिला के अल्प समय में ही स्थानांतरण पश्चात योजना ठंडे बस्ती में चली गई। उनके बाद पदस्थ कलेक्टर रजत बंसल बलौदाबाजार के द्वारा परिसर का अवलोकन कर इसके जीर्णोद्धार की बात कहा था, परंतु श्री बंसल के स्थानांतरण के बाद इस दिशा में गतिविधि पूरी तरह ठप पड़ी हुई है।