बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 17 जनवरी। बस्तर कलेक्टर विगत दिनों दौरे के दौरान दरभा के अतिसंवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा गए थे, जहां गांव के एक युवक जुगल किशोर के हौसले को देखते हुए उसे नक्सल क्षेत्र ही नहीं जिले का रोल मॉडल बताया था, लेकिन दौरे से लौटने के बाद मंगलवार को बस्तर कलेक्टर को पता चला कि अब रोल मॉडल इस दुनिया में नहीं है, बीमारी के चलते उनकी मौत मंगलवार की शाम को हो गई।
मृतक जुगल किशोर के छोटे भाई बामन ने बताया कि शनिवार से उनका स्वास्थ अचानक से खराब हो गया था, इसके अलावा वह खाना भी नहीं खा रहा था, उसे पहले शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया भी गया था, जहाँ से उसे वापस घर लाया गया, लेकिन मंगलवार को स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के कारण उसे मेकाज लाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, घटना की जानकारी लगते ही गाँव के साथ ही जिस आश्रम में उसे कम्प्यूटर शिक्षक बनाया गया था, वहां भी मातम छा गया है।
बताया जा रहा है कि 10 जनवरी को कलेक्टर विजय दयाराम के. ने जिले के संवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा के बीटेक पास जुगल किशोर को आश्रम शाला में कंप्यूटर शिक्षक की नौकरी दी थी।
कलेक्टर ने कहा था कि बहुत कम लोग है, जो अतिसंवेदनशील क्षेत्र से निकलकर उच्च शिक्षा ग्रहण किए होते है, शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर बी-टेक तक की पढ़ाई करने वाले जुगल किशोर कोर्राम क्षेत्र के लिए रोल मॉडल हैं। जुगल किशोर कोर्राम बस्तर जिले के संवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा का निवासी होने के साथ ही किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जुगल ने प्रारंभिक शिक्षा कोलेंग से की। इसके बाद जगदलपुर, फिर रायपुर प्रयास स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण किया।
प्रयास के माध्यम में इंजिनियर बनने के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की और रायपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की। जुगल किशोर ने बस्तर कलेक्टर को बताया था कि आर्थिक जरूरतों के लिए टीचिंग काम भी उसने किया। पढ़ाई के दौरान उसे स्वास्थ्यगत दिक्कत होने लगी थी, जांच करवाने पर दिल से संबंधित बीमारी का पता भी चला था। इस बीमारी की वजह से उसे आर्थिक हानि के साथ साथ ज्यादा चलने में दिक्कत हो रही थी। जुगल के परिवार में माता पिता, एक भाई और 2 बहन हंै। माता-पिता कृषि कार्य में संलग्न हैं, वहीं भाई और बहन पढ़ाई कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान चांदामेटा में पहली बार वोटिंग की प्रक्रिया किया गया। इस खबर को देखकर जुगलकिशोर ने कुछ उम्मीद के साथ कलेक्टर श्री विजय से मिले थे। कलेक्टर ने जुगल किशोर से मिलकर उसको बालक आश्रम में कंप्यूटर शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी थी।
कलेक्टर ने अपनी गाड़ी में जुगल किशोर को बिठाकर आश्रम तक ले जाकर नियुक्ति हेतु आदेश जारी करने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया भी था। कलेक्टर ने आश्रम के विद्यार्थियों से नए कंप्यूटर शिक्षक का परिचय करवाया। इस अवसर पर जुगल ने छात्रों को गणित और अंग्रेजी भी पढ़ाने की बात कही थी, लेकिन नॉकरी के 7 दिन के भीतर ही दिल की बीमारी की वजह से जुगल किशोर का निधन हो गया है, गाँव मे मातम छा गया है।