महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 फरवरी। स्थानीय छत्रपति शिवाजी चौक में सोमवार को पारंपरिक तरीके से हिन्द स्वराज के संस्थापक, छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती मनाई गई। जिसमें बड़ी संख्या में मराठा क्षत्रिय सामाजिकजन शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संरक्षक प्रलय थिटे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्र को मुगलों के चंगुल से आजाद करा कर मराठा साम्राज्य की नींव रखी। मुगलों के खिलाफ युद्ध का बिगुल बजाने वाले महाराज शिवाजी की गौरव और शौर्य गाथा का भारत में खास स्थान है, जो इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गई। आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम बड़े ही सम्मान और गर्व से लिया जाता है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। श्री थिटे ने कहा कि देश का अभिमान, हिंदुत्व की पहचान है छत्रपति शिवाजी। इससे पूर्व समाज के संरक्षक प्रलय थिटे और जिलाध्यक्ष राजेंद्र राव घाडग़े सहित उपस्थित नागरिकों ने दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
इस दौरान समाज के जिलाध्यक्ष राजेंद्र राव घाडग़े ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे। जिन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने औरंगजेब के खिलाफ युद्ध लड़ी और विजय प्राप्त किया। 44 वर्ष की अवस्था में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह ‘छत्रपति’ बने। उन्होंने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से राज्य का कुशलता से संचालन किया। भारतीय युद्ध के इतिहास में इन्हे गुरिल्ला युद्ध का जनक कहा जाता है।
महिला मंडल सचिव रामेश्वरी घाडग़े, मोनिषा गड़ाक, रोहणी घाडगे, पूनम पवार, संध्या शेलके, नेहा इंगोले, कविता भोसले, कीर्तिका शिंदे, ओजस्वी गड़ाक, भूषण भोसले, महावीर पवार, जसवंत पवार आदि सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।