महासमुन्द

धान खरीदी के 22 दिन बीते, धान उठाव कछुआ गति से, सूखत की चिंता बढ़ी
22-Feb-2024 2:07 PM
धान खरीदी के 22 दिन बीते, धान उठाव कछुआ गति से, सूखत की चिंता बढ़ी

सोसायटियों में लंबे समय से रखे धान को दीमक, चूहे चट कर रहे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 22फरवरी। जिले भर की सोसायटियों में धान खरीदी के 22 दिन बीत जाने के बाद भी धान उठाव की कछुआ गति से चल रहा है। फलस्वरूप 15 लाख क्विंटल धान सोसायटियों में जाम है। अब धूप तेज होने की वजह से सोसायटियों को सूखत की चिंता सताने लगी है। वहीं, धान के रखरखाव के लिए अब समितियों को अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ रहा है और अब सोसायटियों में लंबे समय से रखे धान को दीमक, चूहे चट कर रहे हैं।

सोसायटी अधिकारी-कर्मचारियों की मानें तो सूखत की वजह से अब धान में शॉर्टेज आना शुरू हो गया है। यदि शीघ्र उठाव नहीं हुआ तो समितियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। मिली जानकारी के अनुसार जिले के धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नियमित नहीं हो रहा है। कहीं उठाव अंतिम चरण में है तो कहीं ट्रक हीं नहीं लग पा रहा है। खासतौर पर पतला धान का उठाव तो शुरू ही नहीं हुआ है। इस वक््त 1546036 क्विंटल से अधिक धान का स्टाक खरीदी केंद्रों में है।

धान खरीदी केंद्र प्रभारियों की मानें तो इस अवधि में अब तक 15 से 20 क्विंटल का सूखत भार समितियों पर पड़ चुका है।

जिलाध्यक्ष सहकारी समिति कर्मचारी संघ जयप्रकाश साहू कहते हैं कि खरीदी केंद्रों से धान के उठाव के लिए हर दिन 500 ट्रकों की मांग है। लेकिन धान में सूखत आना स्वाभाविक गुण है। उपार्जन केन्द्रों में किसानों से शासन की नीति के तहत 17 प्रतिशत की नमी तक धान की खरीदी हुई है। जो आज घटकर 12 प्रतिशत से नीचे हो गईं है। जिले के कर्मचारियों ने सूखत की समस्याओं से  अवगत कराया है समस्या को लेकर शीघ्र कलेक्टर से मुलाक़ात करेंगे।

श्री साहूू के मुताबिक उठाव की गति धीमी है। जानकारी के मुताबिक बार कुल 152515 किसानों ने 11285440.84 क्विंटल धान बेचा था। इसमें से 9739372 क्विंटल धान का उठाव हो पाया है।

जबकि 1546036 क्विंटल धन अब भी शेष है। बार- बार मौसम में उतार चढ़ाव वाली स्थिति है। यदि आगामी दिनों में बारिश हो जाती है तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। दरअसल बारिश से भीगने के बाद धान में अंकुरण की संभावना बढ़ जाती है। 2 साल पूर्व सोसायटियों को इसी तरह की स्थिति की वजह से नुकसान हुआ था।

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