बलौदा बाजार

नांदघाट से गिधौरी के बीच हिचकोले भरा सफर, जगह-जगह से उखड़ी सडक़
23-Feb-2024 3:45 PM
नांदघाट से गिधौरी के बीच हिचकोले भरा सफर, जगह-जगह से उखड़ी सडक़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बलौदाबाजार, 23 फरवरी।
नांदघाट से भाटापारा बलौदा बाजार होते हुए गिधौरी को जोडऩे वाली 91 किलोमीटर लंबी सडक़ जोखिम भरी है, 22 किलोमीटर सडक़ के दोनों छोर तो भारी गाडिय़ों के चलते दब गए हैं। इसके चलते यहां सफर करना सुहाना नहीं हिचकोल खाने वाला हो गया है।

पांच साल पहले करीब 5 करोड रुपए खर्च कर इस सडक़ को बनाया गया था 91 किलोमीटर लंबी इस सडक़ पर रास्ते के मुसाफिरों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलना छोडि़ए, क्रॉसिंग पर बत्ती भी नहीं मिलती।

इस रूट पर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर और सफर करने वाले यात्रियों के लिए न विश्राम की जगह है न टॉयलेट का इंतजाम। बस हिचकोले खाती गाड़ी के साथ अपने रिस्क पर सफर करना है। खासतौर पर बाइक वालों के लिए यह गाड़ी चलाना ज्यादा मुश्किल भरा है, 91 किलोमीटर लंबी सडक़ कई जगह से उखड़ चुकी है।

22 किलोमीटर सडक़ दोनों छोर से दबी 
नगर के कुकुरदी बायपास से भाटापारा तक की सडक़ कई जगहों पर दोनों छोर से दबी हुई है। इससे नाली नुमा संरचना बन गई है। बाइक वाले यहां अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। आए दिन लोग दुर्घटनाओं में घायल हो रहे हैं।

निर्माण के 6 महीने बाद ही सडक़ पर 22 किलोमीटर लंबा हिस्सा भारी वाहनों के भार से दब कर दोनों छोर से नाली नुमा संरचना में तब्दील होने लगा था। बारिश के दिनों में सडक़ के दबे हुए ये छोर हादसों का बड़ा कारण बनते हैं। दरअसल इसमें पानी भरने से चालकों को सडक़ का ही सही अंदाजा नहीं होता। जिससे गाडिय़ां नियंत्रित नहीं हो पाती और टायर फिसलने से लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं। 

पिछले बरसात की ही बात करें तो इस रूट पर एक्सीडेंट के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। इन हादसों की बड़ी वजह सडक़ के दोनों छोर पर बनी नाली नुमा संरचना ही है। बलौदाबाजार से गिधौरी जाने वाली सडक़ का भी यही हाल है।

विद्यार्थी-व्यापारी को ज्यादा खतरा 
गिधौरी से बलौदाबाजार के बीच सडक़ पर ट्रैफिक का दबाव बहुत ज्यादा है इस रूट पर रायगढ़ कोरबा जांजगीर चंपा समेत अन्य राज्यों से भारी वाहनों हाईवा ट्रेलर और 24 घंटे आना-जाना लगा रहता है। इन गाडिय़ों के भार से ही सडक़ कई जगहों पर दोनों छोर से दब चुकी है। 

खास तौर पर सडक़ों पर बने छोटे फूल पुलिया पूरी तरह से धस चुके हैं। सडक़ पर अचानक आने वाले इस अप एंड डाउन के चलते कई बार गाडिय़ां काफी जोर से उछालती है और दुर्घटनाओं का कारण बनती है। यही हाल बलौदाबाजार भाटापारा रोड की है हर दिन व्यापारी विद्यार्थी आमजनों के अलावा सीमेंट प्लांट में काम करने वाले इसी सडक़ पर दुपहिया वाहनों के जरिए आना-जाना करते हैं इन्हीं पर खतरा ज्यादा है।

मेंटेनेंस नहीं कराया तो पूरा बर्बाद 
बलौदाबाजार से भाटापारा जाने वाले जाने पर कुकुरदी मोड़ के आगे अंबुजा माइंस के पास सडक़ पर भारी गाडिय़ों के टायरों के निशान साफ देखे जा सकते हैं। इस तरह बरसात के दिनों में मिट्टी के कच्चे रास्ते पर नाली नुमा गड्ढा बन जाता है। इस तरह डामर की सडक़ पर टायर के साइज में गड्ढे उभर आए हैं।
सडक़ का लेवल समतल है लंबे समय तक एक लाइन से गड्ढा बनने से कुछ दिनों में वाहनों के गुजरने से सडक़ के उखडऩे की आशंका बढ़ गई है।

एक्सपर्ट कहते हैं कमजोर रोलिंग तथा पानी तराई की वजह से डामरीकरण दब रहा है। सडक़ के लिए पानी का जमाव हानिकारक है। बारिश के दिनों में सडक़ पर पानी निकासी सही नहीं हुई तो यहां पानी भरा होगा। वहां से डामर पूरी तरह उखड़ जाएगा ऐसा ना हो इसके लिए फॉरेन मेंटेनेंस जरूरी है।

लोक निर्माण विभाग बलौदाबाजार के एसडीओ एम एल नायक का कहना है कि सडक़ जब बनी थी, तब इलाके में सीमेंट प्लांट काम थे, समय के साथ इसकी संख्या में इजाफा हुआ है। इस रूट पर चलने वाली भारी गाडिय़ां भी बढ़ गई है। रायगढ़ की ओर जाने वाले गाडिय़ों की वजह से सडक़ ज्यादा खराब हुआ है, जल्द मेंटेनेंस करेंगे। 

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