बेमेतरा

साढ़े 5 लाख से ज्यादा बैंक उपभोक्ता, एटीएम सिर्फ 75
05-Mar-2024 1:45 PM
साढ़े 5 लाख से ज्यादा बैंक उपभोक्ता, एटीएम सिर्फ 75

 रकम निकालने गांव से लोग आते हैं शहर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 5 मार्च। जिलेे के ग्रामीण क्षेत्रों में ऑल टाइम मनी मशीन (एटीएम) की कमी निकायों व बड़े पंचायतों होने की वजह से उपभोक्ताओं को बैंक से पैसे निकालने पड़ रहे हैं। एटीएम नहीं होने की वजह से बैंकों पर भी काम का दबाव बढ़ चुका है। जिले में 22 बैंकों की 75 शाखाएं संचालित हो रही हैं। जबकि एटीएम मशीनों की संख्या केवल 53 है। जिले में कई बैंकों ने शाखा खोले जाने के बाद भी एटीएम लगाने में रूचि नहीं दिखाई है।

जानकारी हो कि जिले में अभी भी खातेदारों को रकम निकासी के लिए पंरपरागत तरीके यानी बैंकों में निकासी पर्ची या फिर चेक से रकम निकलने के लिए बैंक आना पड़ता है। जिले में इस तरह की स्थिति के पिछे एटीएम मशीन का कम होना बताया जा रहा है। जिले में अलग-अलग बैंकों के 5 लाख 65 हजार 456 खाताधारक हैं, जिनमें से 4,73,862 एटीएम कार्डधारी हैं। जिले में लाखों की संख्या में एटीएम कार्डधारी होने के बाद भी बेमेतरा, साजा, नवागढ़, बेरला ब्लॉक में केवल 53 एटीएम मशीन लगाए गए हैं, जो जरुरत के लिहाज से ऊंट के मुंह में जीरा के समान हैं। हालत ये है कि जिले के 11 बैंक के केवल एक एटीएम मशीनें लगाई गई हैं। 3 बैंकों के एक या दो एटीएम मशीन और तीन बैंकों के 10-14 मशीनें लगाई गई हैं। चार बैंक ऐसे हैं, जिनका अपना एक भी एटीएम मशीन नहीं है। सीएसजीबी़ बैक की 20 शाखाएं संचालित हैं पर बैंक द्वारा एक भी एटीएम मशीन जिले में नहीं लगाई गई है।

खाते तो थोक में खुलवाए गए, इसलिए बढ़ गया है दबाव

बैंकिंग सुविधाओं का लाभ देने के लिए जिले में सरकारी तौर पर प्रयास कर तीन साल के दौरान 3 लाख 79 हजार से अधिक जनधन खाते खुलवाए गए हैं। इसके अलावा किसानों ने 1 लाख 44 हजार 414 खाता किसान क्रेडिंट के तहत खुलवाए हैं। जिले में 343940 रूपे कार्डधारी हैं। अन्य योजनाओं के तहत 18 हजार से अधिक खाते खोले गए हैं। जिले के बैंकों में खातों की संख्या बढ़ जाने की वजह से बैको में भी काम का दबाव बढ़ गया है। बहरहाल जिले में बैंकों में लोंगों की कतार रकम जमा करने व निकासी के लिए कम हो, इसे लेकर अन्य सुविधाओं पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

बैंक खुलने से पहले लग जाती है कतार

 महिलाओं, हितग्राहियों व बेरोजगारों के खातों में समय-समय पर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम राशि हस्तांतरित की जाती है। योजनाओ का लाभ लेने वालों की संख्या शहर क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है। थोक में राशि खाते में डाले जाने के बाद एटीएम मशीन की कमी की वजह से खातेदारों की बैंकों के सामने या फिर ग्राहक सेवा केन्द्र खुलने के बाद कतार लगनी शुरु हो जाती है। लोकेश गुप्ता ने बताया कि इसके लिए खातेदारों की आवश्यकता के अनुसार एटीएम मशीनें लगाई जानी चाहिए। ग्रामीण खातेदार संतोष साहू ने बताया कि बैंक का चक्कर लगाना उनकी मजबूरी है। ग्राम मउ निवासी ओमी साहू ने बताया कि बेमेतरा से नांदघाट के बीच एक भी एटीएम नहीं होने से लोगों को निकासी के लिए 20 से 30 किलोमीटर जाकर एटीएम से रकम निकालनी पड़ती है।

मोबाइल व इंटरनेंट बैंकिंग का लाभ लेने वाले भी कम

जिले के चार ब्लॉक में संचालित 22 बैंकों की 75 शाखाओं में 585456 खाता खोले गए हैं, जिसमें से आधे से कम खातेदारों के द्वारा इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग का उपयोग किया जाता है। आधुनिक समय में जिले में 2,75,129 खाताधारक इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करते हैं। वहीं 2,55,710 खातेदार मोबाइल बैंकिंग का सहारा लेते हैं। यानी अभी भी जिले में 3 लाख 10 हजार से अधिक बैंकों के ग्राहक इस सुविधा से दूर हैं।

उच्चाधिकारियों को कराएंगे अवगत

लीड बैंक अधिकारी संतोष आयाम ने कहा कि नई बैंक शाखा खुलने पर एटीएम का प्रावधान रखा जाएगा। इस दिशा में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

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